Smaller Wireless Pacemakers: कार्डियोलॉजिस्ट के पास अब हार्ट ब्लॉक से पीड़ित मरीजों के लिए एक क्रांतिकारी ऑप्शन है, ये एक ऐसा मेडिकल कंडीशन है जिसमें हार्टबीट स्लो हो जाती है या अस्थायी रूप से रुक जाती है. ब्रेन और बॉडी को ब्लड स्पलाई में ये चक्कर आना, बेहोशी, होश खोना या यहां तक कि अचानक मौत का कारण बन सकता है. अगर इसे अनट्रीटेड छोड़ दिया जाए, तो ये अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है, जो अक्सर जानलेवा होता है.
पेसमेकर के फायदेऐसे मरीजों के लिए, पेसमेकर लाइफसेवर की तरह काम कर सकते हैं. ये डिवाइस हार्ट रिदम को रेगुलेट करने में मदद करते हैं, जिससे जिंदा रहने और क्वालिटी ऑफ दोनों में सुधार होता है. फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला की डायरेक्टर डॉ. अपर्णा जसवाल (Dr. Aparna Jaswal) बताती हैं, “पेसमेकर दिल के काम को अपने हाथ में नहीं लेते हैं, बल्कि हार्ट बीट की टाइमिंग और सीक्वेंस को रेगुलेट करने में मदद करते हैं. वो ये तय करने के लिए पर्याप्त तरीके से सॉफिस्टिकेटेड हैं कि कब सपोर्ट की जरूरत है.”
ट्रेडिशनल पेसमेकर के चैलेंजेज
ट्रेडिशनल पेसमेकर में एक बैटरी पावर्ड यूनिट होते है जिसे स्किन के नीचे रखा जाता है, आमतौर पर कॉलरबोन के नीचे, जिसमें लीड (तार) ब्लड वेसेल्स के जरिए हार्ट तक जाते हैं. जबकि ये असरदार होते हैं, इनमें कुछ संभावित जटिलताएं भी होती हैं, जिनमें एक छोटे समूह में शामिल हैं, जैसे-
-इनसीजन साइट पर इंफेक्शन-हील होने में दिक्कत-लीड से जुड़ी समस्याएं, जैसे कि खिसक जाना या टूटना (लीड किसी भी पेसिंग डिवाइस सिस्टम की कमजोर कड़ी होती हैं)
फ्यूचर:लीडलेस पेसमेकरइन चुनौतियों से पार पाने के लिए, लीडलेस पेसमेकर एक गेम-चेंजिंग इनोवेशन के रूप में उभर रहे हैं. पारंपरिक डिवाइसे के उलट, इनमें लीड या छाती में चीरे की जरूरत नहीं होती है, जिससे इंफेक्शन और दूसरे कॉम्पलिकेशंस का खतरा कम हो जाता है. इस पेसमेकर का साइज इतना छोटा होता है कि ये अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच में आसानी से आ जाता है.
डॉ. जसवाल ने इस नई तकनीक के फायदों पर जोर डालते हुए कहा, “लेटेस्ट पेसमेकर पारंपरिक मॉडल की तुलना में काफी छोटा है. चूंकि इलेक्ट्रोड डिवाइस का ही हिस्सा हैं, इसलिए कोई लीड नहीं है, कोई सर्जिकल पॉकेट नहीं है, और लीड से जुड़ी जटिलताओं का कोई खतरा नहीं है. बैटरी और इलेक्ट्रोड सहित पूरा पेसमेकर एक छोटी इकाई है जिसे सीधे हार्ट के अंदर रखा जाता है.”
मिनिमली इनवेसिव इम्प्लांटेशन
पारंपरिक पेसमेकर के उलट, जिसमें चीरा और पॉकेट बनाने की जरूरत होती है, लीडलेस पेसमेकर को कमर में एक छोटे से छेद के आकार के चीरे के जरिए से ट्रांसप्लांट किया जाता है और कैथेटर के जरिए हार्ट में नेविगेट किया जाता है. ये मिनिमली इनवेसिव प्रॉसेस निम्नलिखित चीजों की इजाजत देता है. जैसे-
तेजी से सेहतमंद होनाछाती पर कोई चीरा, टांके या दिखाई देने वाला निशान नहीं होनाइंफेक्शन का खतरा कम
दिल की देखभाल में एक नया युग
जबकि पारंपरिक पेसमेकर असरदार बने हुए हैं, लीडलेस पेसमेकर कार्डियक पेसिंग के फ्यूचर को रिप्रेजेंट करते हैं. जिस तरह अतीत के बड़े कंप्यूटरों को छोटे, पावरफुल चिप्स से बदल दिया गया है, उसी तरह लीड वाले भारी पेसमेकर से कॉम्पैक्ट, वायरलेस डिवाइसेज में बदलाव पेशेंट की देखभाल में क्रांति ला रहा है.
बिना कट, बिना टांके और डेली लाइफ में तेजी से वापसी के साथ, लीडलेस पेसमेकर हार्ट रिदम डिसऑर्डर के इलाज के लिए एक सेफ और ज्यादा एफिशिएंट अप्रोच का रास्ता साफ कर रहे हैं, खासकर एक विशिष्ट समूह में जिन्हें ट्रेडिशनल इम्प्लांट में ज्यादा चुनौतियां आती हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.