How important is AI based training to manage diabetes The Ways doctors will benefit | डायबिटीज को मैनेज करने के लिए AI बेस्ड तकनीक कितनी जरूरी? जानिए डॉक्टर्स को कैसे होगा फायदा

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How important is AI based training to manage diabetes The Ways doctors will benefit | डायबिटीज को मैनेज करने के लिए AI बेस्ड तकनीक कितनी जरूरी? जानिए डॉक्टर्स को कैसे होगा फायदा



World Diabetes Day: डायबिटीज भारत की सबसे बड़ी लाइफस्टाइल डिजीज में से एक है, लेकिन लोगों में इसको लेकर अवेयनेस की काफी कमी देखने को मिलती है. जिस तरह हर बीमारी के ठीक करने के लिए एडवांस तकनीक इस्तेमाल की जाती है, वैसे ही डायबिटीज को मैनेज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है, ताकि भविष्य में परेशानियों को कम किया जा सके
एआई समेत इन तकनीक के इस्तेमाल पर जोरमशहूर एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉ. वर्षा काचरू (Dr. Varsha Kachroo) के मुताबिक, “कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर, स्मार्ट इंसुलिन डिवाइस, मोबाइल हेल्थ ऐप और एआई जैसी टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित डायबिटीज में तरक्की, पेशेंट का रियल टाइन डेटा और पर्सनलाइज्ड केयर साथ सशक्त बना रही है. ग्लाइसेमिक कंट्रोल में सुधार कर रही है, जबकि मरीजों और डॉक्टरों दोनों के लिए एक्सेसिबिलिटी और सुविधा बढ़ा रही है.”
डायबिटीज को लेकर सर्वे में डॉक्टर्स ने क्या कहा?
‘मेडवर्सिटी’ के ‘वर्ल्ड डायबिटीज डे’ सर्वे के मुताबिक 78 फीसदी डायबिटोलॉजिस्ट और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने डायबिटीज केयर में एआई-बेस्ड ट्रेनिंग की मांग की. आइये जानते हैं कि सर्वेक्षण में क्या बातें निकलकर सामने आईं
1. सर्वे में शामिल 3000 मधुमेह रोग विशेषज्ञों और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट में से 90% ने डायबिटीज मैनेजमेंट में निरंतर कौशल विकास की अहमियत पर जोर दिया
2. 75 फीसदी प्रतिभागियों ने प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए अपने पसंदीदा तरीके के रूप में क्लीनिकल केस की चर्चा और सहकर्मी की समीक्षा को चुना
3. मधुमेह जटिलताओं (जैसे न्यूरोपैथी और नेफ्रोपैथी) की रोकथाम और मैनेजमेंट टॉप ऑप्शन था, जिसमें 82% ने इस एरिया में अपनी दिलचस्पी दिखाई
4. 78% रिस्पॉन्डेंट ने ऑटोमेटेड इंसुलिन डोज कैलकुलेटर को असरदार तरीके से सीखने में दिलचस्पी दिखाई. कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (CGM) एनालिसिस सिस्टम और डायबिटीज रेटिनोपैथी स्क्रीनिंग टूल भी टॉप च्वॉइस रहे, जिसमें क्रमशः 75% और 70% दिलचस्पी दिखी.
एआई बेस्ड ट्रेनिंग चाहते हैं डॉक्टर
सर्वे में पाया गया कि डॉक्टर सीखने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन उन्हें वास्तविक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वक्त की कमी सबसे कॉमन बैरियर के रूप में सामने आई, जिसने 65% रिस्पॉन्डेंट को प्रभावित किया, इसके बाद प्रोग्राम का खर्च (60%) और व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाने में दिक्कतें (58%) रही. इन परेशानियों के बावजूद, उनमें एआई ट्रेनिंग के लिए एक मजबूत ख्वाहिशें हैं. 
 
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)



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