जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, और किडनी भी इससे अछूती नहीं रहती. 40 की उम्र के बाद किडनी से जुड़ी समस्याओं का खतरा तेजी से बढ़ने लगता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या परिवार में किसी को किडनी रोग रहा हो.
नई दिल्ली स्थित बीएलके मैक्स अस्पताल में सलाहकार- नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. भानु मिश्रा बताते हैं कि समय रहते किडनी टेस्ट कराना न केवल बीमारी को समय पर पकड़ने में मदद करता है, बल्कि सही इलाज और बेहतर प्रबंधन का रास्ता भी खोलता है. आइए डॉ. भानु मिश्रा से जानते हैं 40 की उम्र के बाद कौन-कौन से किडनी टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है.
1. ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN) टेस्टयह टेस्ट आपके खून में यूरिया (एक प्रकार का अपशिष्ट उत्पाद) से आने वाले नाइट्रोजन की मात्रा को मापता है. यदि इसका लेवल ज्यादा हो तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है. साथ ही, डिहाइड्रेशन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की भी ओर इशारा कर सकता है.
2. सीरम क्रिएटिनिन टेस्टक्रिएटिनिन एक मसल्स से निकलने वाला वेस्ट प्रोडक्ट है. इस टेस्ट के जरिए खून में क्रिएटिनिन की मात्रा मापी जाती है. अगर इसका लेवल बढ़ा हुआ है तो इसका मतलब है कि किडनी का फिल्ट्रेशन प्रोसेस प्रभावित हो रहा है. यह टेस्ट आमतौर पर BUN टेस्ट के साथ किया जाता है.
3. अनुमानित ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (eGFR)यह एक गणना है जो आपके सीरम क्रिएटिनिन लेवल, उम्र, लिंग और नस्ल के आधार पर यह अनुमान लगाती है कि आपकी किडनी खून को कितनी अच्छी तरह फिल्टर कर रही है. यदि eGFR लगातार 60 से नीचे रहता है, तो यह क्रॉनिक किडनी डिजीज का संकेत हो सकता है.
4. यूरीन एनालिसिसयह टेस्ट पेशाब की जांच करता है और उसमें प्रोटीन, शुगर या खून जैसी चीजों की मौजूदगी का पता लगाता है. पेशाब में प्रोटीन की मौजूदगी (प्रोटीनुरिया) किडनी डैमेज का शुरुआती संकेत हो सकता है. यह एक सरल और नॉन-इनवेसिव जांच है.
5. यूरीन एल्ब्यूमिन-टू-क्रिएटिनिन रेशियो (UACR)यह टेस्ट पेशाब में एल्ब्यूमिन की मात्रा को क्रिएटिनिन से तुलना कर मापता है. इसका बढ़ा हुआ लेवल डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले किडनी डैमेज की शुरुआत को दर्शा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.