Generic Medicines: बढ़ती महंगाई के इस जमाने में, कई लोगों को बहुत ही मुश्किल फाइनेंशियल प्रेशर झेलते हुए अपने हेल्थ को मेंटेन रखने की चुनौती का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जेनेरिक दवाओं बड़ी राहत के तौर पर लगातार लोकप्रिय हो रहा है. इसे ब्रैंड नेम वाली दवाओं के कॉस्ट इफेक्टिव अल्टरनेटिव के तौर पर देखा जाता है. जेनेरिक दवाएं खास तौर से क्रोनिक कंडीशन को मैनेज करने वाले लोगों के लिए आसान रास्ता दिखाती है. ये आपकी जेब पर ज्यादा बोझ डाले बिना सेहतमंद जिंदगी जीने में मदद करती हैं, लेकिन ये दवाइयां असल में क्या हैं, और आपको उन पर क्यों भरोसा करना चाहिए?
जेनेरिक दवाओं का सच क्या है?
डॉ. सुजित पाल (Dr. Sujit Paul) के मुताबिक जेनेरिक दवाएं अपने ब्रांडेड ऑप्शंस जैसी ही होती है, उनमें समान रूप से एक्टिव मॉलिक्यूल्स होते हैं, जो उतने ही असरदार होते हैं, और NABL, FDA जैसी रेगुलेटरी एजेंसियों द्वारा निर्धारित समान कड़े मानकों को पूरा करती हैं. जेनेरिक मेडिसिंस आमतौर पर बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाओं के मुकाबले 80-85% सस्ती होती हैं.
दवा कंपनियों द्वारा विकसित ब्रांडेड दवाएं पेटेंट रखती हैं जो उन्हें एक निश्चित संख्या के लिए दवा को विशेष रूप से बेचने की अनुमति देती हैं। वर्षों। एक बार जब वह पेटेंट समाप्त हो जाता है, तो अन्य निर्माता वही दवा का उत्पादन कर सकते हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और कीमत कम होती है.
फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा विकसित ब्रांडेड दवाएं पेटेंट रखती हैं जो उन्हें एक निश्चित संख्या और समय के लिए दवा को एक्सक्लूसिवली बेचने की इजाजत देती हैं. एक बार जब वो पेटेंट खत्म हो जाता है, तो दूसरे मैन्युफैक्चरर वही मेडिसिन का उत्पादन कर सकते हैं, जिससे कॉम्पिटीशन बढ़ता है और कीमतें कम होती हैं.
सेहत और पैसे दोनों की सुरक्षा
जेनेरिक दवाओं को सेलेक्ट करके, आप अपनी वेलनेस जर्नी के अन्य पहलुओं के लिए एक्सट्रा पैसे बचा सकते हैं. असल में, जेनेरिक मेडिसिन पर स्विच करने से कॉस्ट फैक्टर्स के कारण खुराक छोड़ने की फिक्र किए बिना डॉक्टर की जरूरी सलाह को मानते रहना आसान हो सकता है. जेनेरिक दवाओं अपनाकर एक जैसे असर के साथ कम लागत पर लंबे समय तक बीमारियों के लिए एक कंसिस्टेंट ट्रीटमेंट को इंश्योर किया जा सकता है.
ब्रांडेड दवाओं के मिथ को तोड़ें
कुछ लोग जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल करने से परहेज करते हैं क्योंकि वो मानते हैं कि कम कीमत का मतलब कम असर है, लेकिन यह सच नहीं है. ब्रांडेड और जेनेरिक दोनों दवाएं एक जैसी सेफ्टी और क्वालिटी चेक प्रोटोकॉल से गुजरती हैं. असल में, इकलौता फर्क दवा के के रंग या आकार में हो सकता है. जेनेरिक दवाओं पर भरोसा करने से आप खास से किफायती कीमत पर दवाएं हासिल करने और अपनी बचत को छोड़े बिना एक अच्छी जिंदगी सुनिश्चित करने पर फोकस कर सकते हैं. तो अगर आप बजट मेंटेन करते हुए अपने सेहत को बनाए रखना चाहते हैं, तो फैंसी लेबल छोड़ दें और जेनेरिक दवाओं को अपनाएं. आपका शरीर और आपका बैंक खाता आपका शुक्रिया अदा करेगा.
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)