जब भी हमें चोट लगती है या कोई नुकीली चीज चुभती है, तो शरीर तुरंत प्रतिक्रिया देता है और हम दर्द महसूस करते हैं. हालांकि, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारा दिमाग खुद भी दर्द को कंट्रोल कर सकता है. यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें दिमाग खास संकेत भेजकर दर्द को अस्थायी रूप से ‘स्विच ऑफ’ कर सकता है.
दर्द कोई सीधा अनुभव नहीं, बल्कि एक सेंसेशन है, जिसे हमारा दिमाग बनाता है. जब शरीर पर कोई चोट लगती है या ज्यादा गर्मी या ठंड का सामना करता है, तो नर्व सेल्स (nociceptors) यह जानकारी बिजली की गति से रीढ़ की हड्डी के जरिए दिमाग तक भेजते हैं. इसके बाद, दिमाग इस जानकारी को दर्द के रूप में प्रोसेस करता है और हमें प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेरित करता है: जैसे हाथ हटाना या भाग जाना.
कैसे दिमाग खुद ही दर्द को रोक सकता है?कई बार ऐसा होता है कि हमें गंभीर चोट लगने के बावजूद ज्यादा दर्द महसूस नहीं होता. उदाहरण के लिए, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान डॉक्टर हेनरी बीचर ने देखा कि युद्ध में घायल कई सैनिकों को गंभीर चोटें आने के बावजूद उन्हें मजबूत दर्द निवारक दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनका दिमाग खतरे और तनाव की स्थिति में दर्द को “स्विच ऑफ” कर रहा था.
दिमाग का दर्द से लड़ने का तरीकाहमारे दिमाग के बीचों-बीच एक खास संरचना होती है, जिसे Periaqueductal Grey (PAG) कहते हैं. यह संरचना दर्द के संकेतों को फिल्टर करने और नियंत्रित करने का काम करती है. जब हमें दर्द होता है, तो यह हिस्सा नेचुरल पेनकिलर (enkephalins) रिलीज करता है, जो दर्द को कम कर सकते हैं.
कैसे खुद को दर्द से बचा सकते हैं?
1. एक्सरसाइज करें: नियमित रूप से व्यायाम करने से दिमाग में नेचुरल दर्दनिवारक पदार्थ (enkephalins) का उत्पादन बढ़ता है, जिससे क्रॉनिक दर्द से राहत मिलती है.2. तनाव कम करें: ज्यादा तनाव के दौरान दिमाग दर्द को कम करने वाले न्यूरोट्रांसमीटर छोड़ता है. इसलिए मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाने से दर्द कम हो सकता है.3. अच्छी डाइट लें: हेल्दी खानपान, खासतौर पर ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन B12 और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं.4. प्रॉजिटिव इमोशन अपनाएं: खुश रहने और अच्छे अनुभवों से दिमाग में एंडॉर्फिन और डोपामिन रिलीज होते हैं, जो दर्द के लेवल को कम कर सकते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.