how does obesity affect the body: शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट, कैंसर के लिए न्योता, मोटापा से इस अंग में बनने लगता है जानलेवा ट्यूमर

admin

how does obesity affect the body: शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट, कैंसर के लिए न्योता, मोटापा से इस अंग में बनने लगता है जानलेवा ट्यूमर



भारत में बढ़ते मोटापे की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया है. यह सिर्फ इसलिए चिंता का विषय नहीं कि लोगों अब अधिक फिजिकल मूवमेंट करने में असमर्थ हैं. बल्कि मोटापा के कारण बढ़ने वाले कई खतरनाक और जानलेवा बीमारी का जोखिम है. इसमें कैंसर भी शामिल है.
डॉ. दिनेश सिंह, चेयरमैन रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल, सोनीपत बताते हैं कि मोटापे के कारण लिवर कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में लिवर कैंसर से बचाव के लिए वेट लॉस गेम चेंजर साबित हो सकता है.
मोटापा क्या है?
मोटापा एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है और यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है. आमतौर पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 या उससे अधिक होने पर मोटापे की स्थिति मानी जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 1975 के बाद से मोटापे के मामले लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं और पिछले कुछ दशकों में यह वैश्विक स्तर पर महामारी का रूप ले चुका है.
मोटापे का मुख्य कारण
मोटापे के पीछे पर्यावरणीय, व्यवहारिक और आनुवंशिक कारक काम करते हैं. कम शारीरिक गतिविधि और अस्वस्थ आहार जैसे अधिक कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट और अस्वस्थ वसा का सेवन प्रमुख कारण हैं. इसके अलावा मनोवैज्ञानिक समस्याएं, नींद की कमी, कुछ दवाएं और सामाजिक-आर्थिक कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रोसेस्ड और फास्ट फूड के सेवन में वृद्धि और शारीरिक गतिविधि में कमी ने मोटापे की महामारी को बढ़ावा दिया है.
इसे भी पढ़ें- ‘मोटापे का काल’ ये 5 काले फूड्स, जगह-जगह जमा जिद्दी चर्बी हो जाएगी छूमंतर, आज ही करें खाना शुरू
 
मोटापा और कैंसर का संबंध
डॉ. दिनेश सिंह के अनुसार, मोटापे और कैंसर के बीच एक जटिल संबंध है जिसमें कई जैविक प्रक्रियाएं शामिल हैं. मोटापे के कारण होने वाली क्रोनिक इंफ्लेमेशन कैंसर के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना सकती है. इसके अलावा, यह इंसुलिन और इंसुलिन-लाइक ग्रोथ फैक्टर (आईजीएफ) के स्तर को बढ़ाता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं. साथ ही, वसा के ऊतकों द्वारा उत्पादित अतिरिक्त एस्ट्रोजन कई प्रकार के कैंसर के खतरे से जुड़ा हुआ है.
मोटापे से ग्रस्त लोगों में कैंसर का खतरा दोगुना
मोटापे वाले लोगों में अक्सर नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज होती है, जो नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस में बदल सकती है. यह सूजन की विशेषता वाला लिवर डिजीज लीवर फाइब्रोसिस, सिरोसिस में बदलते हुए अंततः लिवर कैंसर का कारण बन जाती है. अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, मोटापे वाले लोगों में लिवर कैंसर का खतरा सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में दोगुना तक होता है.
लिवर कैंसर में नजर आने वाले लक्षण
डॉ. बबीता सिंह, वरिष्ठ सलाहकार रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल, सोनीपत बताती हैं कि लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण सूक्ष्म हो सकते हैं. अक्सर बीमारी के एडवांस लेवल पर पहुंचने से पहले कई बार यह समझ नहीं आते हैं. हालांकि लिवर कैंसर होने पर आमतौर पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
अचानक वजन कम होना
भूख की कमी
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
मतली और उल्टी
सामान्य कमजोरी और थकान
बढ़ा हुआ लीवर
त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)
इसे भी पढ़ें- बॉडी में किस विटामिन की मात्रा ज्यादा होने से लीवर डैमेज हो सकता है?
बचाव के लिए क्या करें?
मोटापे वाले लोग संतुलित जीवनशैली अपनाकर लिवर कैंसर को रोक सकते हैं. इसमें नियमित व्यायाम, फल, सब्जियां और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार लेना और प्रसंस्कृत और मीठे खाद्य पदार्थों को सीमित करना शामिल है. 
 
 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



Source link