Bitter Gourd in Diabetes: डायबिटीज, खासकर टाइप 2 डायबिटीज, एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है. सही डाइट, रोजाना व्यायाम और दवाइयां इस बीमारी के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इन सभी उपायों में से एक लोकप्रिय और नेचुरल तरीका उपाय है करेला. करेला न केवल स्वाद में कड़वा होता है, बल्कि डायबिटीज के इलाज में भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. आइए जानते हैं, करेला कैसे डायबिटीज में मदद करता है और इसे किस तरह से खाना चाहिए.
करेला और डायबिटीज
करेला (Bitter melon) में कई ऐसे तत्व होते हैं जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. इसके सेवन से शुगर लेवल कंट्रोल किया जा सकता है और शरीर में इंसुलिन का प्रभाव बढ़ सकता है. यह नेचुरल तरीके से इंसुलिन जैसा काम करता है और शुगर को एनर्जी में बदलने में मदद करता है. करेले में एक बायोएक्टिव कंपाउंड चारेंटिन पाया जाता है, जो बल्ड में शुगर के लेवल को कम करने में मददगार है. करेला में पॉलिपोपेप्टाइड-पी होता है, जो इंसुलिन जैसा काम करता है. साथ ही इसमें विटामिन सी पाया जाता है, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है. साथ ही करेला पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और वडज कम करने में मददगार है.
करेला का सेवन
आप कई तरह से करेले का सेवन कर सकते हैं. सबसे सामान्य तरीक करेला जूस का है. दिन में 1-2 बार, सुबह खाली पेट या खाने के बाद 1 कप करेला जूस पी सकते हैं. करेले की सब्जी भी आप खा सकते हैं. करेला को हल्का उबालकर या तल कर उसकी सब्जी बना सकते हैं. सप्ताह में 3-4 बार 1-2 कटोरी करेला की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है. अगर आप ताजे करेले का सेवन नहीं कर पा रहें, तो आप गुनगुना पानी के साथ मिलाकर करेले के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
जरूरी बातें
करेले का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है. करेले का कड़वापन कुछ लोगों के लिए असहनीय होता है. इसलिए धीरे-धीरे इसे अपनी डाइट में शामिल करें. करेले को कम मात्रा में सलाह देनी चाहिए, क्योंकि अधिक सेवन से पेट की समस्या हो सकती है. गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग में महिलाओं को करेले से परहेज करने की सलाह दी जाती है. अगर आप डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, तो करेले का सेवन करते समय डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.