हरदोई. देशभर में 17 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. होली त्योहार (Holi 2022) को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. हालांकि इस बार उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत की खुशी में पार्टी समर्थकों के द्वारा 10 मार्च से ही होली मनाई जा रही है. चलिए लौटकर आते हैं मुद्दे पर और बात करते हैं होलिका दहन की… आज इस लेख में आपको होलिका दहन के इतिहास की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से है संबंधउत्तर प्रदेश के हरदोई (Hardoi News) जिले को लेकर मान्यता है कि आधुनिक होली के बीज इसी शहर से पड़े थे. आज की हरदोई को तब हिरण्यकश्यप की नगरी के नाम से जाना जाता था. हां, वहीं हिरण्यकश्यप जो खुद को भगवान से बड़ा बताने लगा था. हरदोई जिले का नाम हरि-द्रोही से पड़ा, जिसका मतलब है भगवान का शत्रु. हिरण्यकश्यप भगवान को बिलकुल नहीं मानता था और इसीलिए हिरण्यकश्यप की राजधानी का नाम हरी द्रोही था, जो आज हरदोई नाम से जाना जाता है.
ये भी पढ़ें- यूपी में अभी से बरसने लगी आग, जानें होली तक कैसा रहेगा मौसम
हरदोई से मानी जाती है होली की शुरुआतप्राचीन काल से ही मान्यता है कि इसी हरदोई जिले में हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जलकर राख हो गई थी और उसी के बाद यहां के लोगों ने खुश होकर होली का उत्सव मनाया था. हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से शत्रुता रखता था और उसका बेटा प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था. इसी बात को लेकर पिता हिरण्यकश्यप पुत्र प्रह्लाद से नाराज रहते थे.
ये भी पढ़ें- यूपी में 15 करोड़ लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, होली के बाद भी चलेगी मुफ्त राशन योजना!
हिरणकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को प्रताड़ित करने के लिए कभी उसे ऊंचे पहाड़ों से गिरवा दिया, कभी जंगली जानवरों से भरे वन में अकेला छोड़ दिया पर प्रह्लाद की ईश्वरीय आस्था टस से मस न हुई और हर बार वह ईश्वर की कृपा से सुरक्षित बच निकला. जब हिरणकश्यप को कोई उपाय नहीं सूझा तो उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया और प्रह्लाद का वध करने के लिए कहा. होलिका को आग में ना जलने का वरदान मिला था
हरदोई में मौजूद है होलिका कुंडहिरणकश्यप ने बहन होलिका से बेटे प्रह्लाद को लेकर अग्निकुंड में बैठने के लिए कहा, जिससे प्रह्लाद जलकर भस्म हो जाए, लेकिन भगवान की कृपा से हुआ उल्टा यानी होलिका जब प्रह्लाद को लेकर अग्निकुंड में बैठीं तो उनकी शक्ति कमजोर पड़ गई. होलिका खुद जलकर राख हो गई और भक्त प्रह्लाद बच गए. हरदोई में आज भी वो कुंड मौजूद है जहां होलिका अपने भतीजे प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठी थीं.
होलिका की राख उड़ाकर मनाया था उत्सवहोलिका के जलने के बाद भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लिया और हिरणकश्यप का वध कर दिया. होलिका के जलने और हिरणकश्यप के वध के बाद लोगों ने यहां होलिका की राख को उड़ाकर उस्तव मनाया. कहा जाता है मौजूदा वक्त में अबीर-गुलाल उड़ाने की परंपरा की शुरुआत यहीं से शुरू हुई.
आठ दिनों तक मनाई जाती है होलीदेश को होली की परंपरा देने वाले जनपद हरदोई को गौरव प्राप्त है. कहा जाता है कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन होता है और उसके दूसरे दिन रंगों से होली खेलना शुरू होता है तथा उसके बाद लगभग आठ दिनों तक होली मिलन चलता रहता है.
आपके शहर से (हरदोई)
उत्तर प्रदेश
UP MLC Election 2022: अखिलेश यादव ने डॉ. कफील खान को क्यों दिया टिकट? क्या है इसके पीछे की कहानी?
Delhi-Meerut हाईस्पीड ट्रेन की बाहरी और भीतरी झलक Video में देखें, जानें इसकी खासियतें
Alert: द कश्मीर फाइल्स के नाम पर 47 लाख का फ्रॉड, देश में आए कई मामले, लोग ऐसे हो रहे शिकार
होली पर गोरखपुर में प्रवास करेंगे CM योगी, भगवान नरसिंह की शोभा यात्रा में होंगे शामिल
यूपी में 15 करोड़ लोगों को बड़ी खुशखबरी देगी योगी सरकार, लोकसभा चुनाव तक मुफ्त राशन बांटने की तैयारी
यात्रीगण ध्यान दें- पटना से शुरू हो रही है जयपुर, बनारस और भुवनेश्वर की डायरेक्ट फ्लाइट
PHOTOS: 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल, News18 पर देखिए EXCLUSIVE तस्वीरें
मुजफ्फरनगर में दो वाहनों के बीच भीषण टक्कर, पिता- पुत्री की मौत, 21 लोग घायल
Noida Traffic Alert: DND पर लगा कई किलोमीटर लंबा जाम, सैकड़ों गाड़ियां फंसी, इस रास्ते से जा सकते हैं दिल्ली
Hardoi News: बूथ हारने से परेशान सपा कार्यकर्ता ने खुद को मारी गोली, मौत
Candidate List: चंद्रशेखर की पार्टी ने जारी की 13 प्रत्याशियों की नई लिस्ट, जानें कितने हैं मुस्लिम उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश
यूपी विधानसभा चुनाव 2022, ब्रेकिंग हिंदी न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट सबसे पहले News18 India पर। आज की ताजा खबरें, विश्लेषण, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की खबरें पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी पर |Tags: Hardoi News, Holi festival, Holika Dahan
Source link