High court order reduction of carona case hearing of cases in hybrid mode from 7 february nodelsp

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Daily wage workers will also be entitled to old pension Allahabad High Court - इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला



प्रयागराज. कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मुकदमों की सुनवाई हाइब्रिड मोड (Hybrid mode hearing) में करने का फैसला लिया है. सोमवार 7 फरवरी से इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई हाइब्रिड मोड में की जाएगी. अधिवक्ता भी मुकदमों की सुनवाई हाइब्रिड मोड में करने की लंबे समय से मांग कर रहे थे, क्योंकि वर्चुअल सुनवाई में अधिवक्ताओं को काफी दिक्कतें हो रही थीं. कई बार लिंक ना मिलने से मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही थी.
अधिवक्ताओं के द्वारा मुकदमों की सुनवाई हाइब्रिड मोड में करने की मांग को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. ऐसा नहीं होने से वकीलों के साथ वादकारियों को भी वर्चुअल सुनवाई से काफी समस्या आ रही थी. इसके साथ ही पुराने मुकदमों की सुनवाई भी नहीं हो पा रही थी, जिससे मुकदमों की पेंडेंसी भी लगातार बढ़ रही थी, लेकिन कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार 7 फरवरी से हाइब्रिड मोड में मुकदमों की सुनवाई का फैसला लिया है.
सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल आशीष गर्ग ने एक विस्तृत गाइडलाइन भी जारी कर दी है. इस गाइडलाइन के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधानपीठ और लखनऊ बेंच दोनों में वर्चुअल के साथ फिजिकल मोड में मुकदमे जाएंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ में अधिवक्ताओं के मुंशियों और वादकारियों का प्रवेश कोर्ट के निर्देश पर होगा. कोर्ट में एक समय में दस से ज्यादा अधिवक्ता मौजूद नहीं रह सकेंगे. गाइडलाइन के मुताबिक वही अधिवक्ता कोर्ट के अंदर मौजूद रहेंगे जिनके मुकदमे कोर्ट में लिस्टेड होंगे. इसके साथ ही उन्हीं वादकारियों को कोर्ट और कोर्ट परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी जिनके केस लगे हुए हैं. अधिकारियों को ई-गेट पास के जरिए ही कोर्ट परिसर के अंदर प्रवेश मिलेगा.
लखनऊ बेंच के लिए भी जारी हुई गाइड लाइनइसके साथ ही लखनऊ बेंच के लिए भी गाइड लाइन में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. लखनऊ बेंच में भी वही अधिवक्ता कोर्ट रूम और काडीडोर में जा सकेंगे जिनके मुकदमे लिस्टेड हैं. लखनऊ में भी वही वादकारी अंदर जाएंगे जिनके केस लिस्टेड हैं. हालांकि सभी अधिवक्ताओं और उनके मुंशियों को अपने चैम्बर में जाने की छूट रहेगी. गाइडलाइन के मुताबिक अधिवक्ता और उनके मुंशी रेगुलर फाइलिंग काउंटर पर भी जा सकेंगे और मुकदमों का दाखिला भी कर सकेंगे, लेकिन अभी भी हाईकोर्ट की प्रधान पीठ इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में कोर्ट परिसर में स्थित कैंटीन बंद रहेगी.
फैसले से मिली राहतइलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से तमाम अधिवक्ताओं को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के कुछ अधिवक्ता फिजिकल सुनवाई की मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे थे. अधिवक्ताओं का कहना था कि कोरोना का संक्रमण कम हो चुका है और ऐसे में फिजिकल सुनवाई न होने से वादकारियों और तमाम अधिवक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है, जबकि अधिवक्ताओं को आर्थिक तौर पर भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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