हम सबके घरों में मौजूद प्लास्टिक की चीजें देखने में भले ही बेहद साधारण और उपयोगी लगती हैं, लेकिन असल में ये हमारे दिल के लिए एक साइलेंट किलरबन चुकी हैं. एक नई ग्लोबल स्टडी ने चेतावनी दी है कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट में पाए जाने वाले सिंथेटिक केमिकल्स फ्थेलेट्स दिल की बीमारी और समय से पहले मृत्यु के खतरे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.
ये केमिकल्स प्लास्टिक को लचीला और टिकाऊ बनाने के लिए मिलाए जाते हैं, लेकिन अब शोधकर्ताओं ने पाया है कि ये हमारे शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं और खासतौर से दिल की नसों में सूजन उत्पन्न करके हार्ट अटैक और अन्य गंभीर कार्डियक इवेंट्स का कारण बन सकते हैं. eBiomedicine जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2018 में 55 से 64 वर्ष की उम्र के लोगों में दिल की बीमारी से होने वाली कुल मौतों में से 10% से ज्यादा की वजह ये फ्थेलेट्स थे.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. लियोनार्डो ट्रासांडे बताते हैं कि फ्थेलेट्स शरीर में सिस्टेमेटिक सूजन को जन्म देते हैं, जिससे दिल की मौजूदा स्थिति और बिगड़ जाती है और मृत्यु तक का खतरा बढ़ता है. खास बात यह है कि ये कैमिकल्स केवल दिल को नहीं, बल्कि पुरुषों की फर्टिलिटी को भी नुकसान पहुंचाते हैं. यह टेस्टोस्टेरोन को प्रभावित करते हैं, स्पर्म काउंट घटाते हैं और पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं. यही नहीं, ये दमे, मोटापे और कैंसर जैसी बीमारियों से भी जुड़े हैं.
कहां-कहां छिपे होते हैं फ्थेलेट्स?* प्लास्टिक कंटेनर और बॉक्स* शैम्पू, क्रीम, मेकअप और परफ्यूम* बच्चों के खिलौने और प्लास्टिक रैप* एयर फ्रेशनर और क्लीनिंग उत्पाद
इस खतरनाक एक्सपोजर से कैसे बचें?* प्लास्टिक को माइक्रोवेव या डिशवॉशर में न रखें* खुशबूदार प्रोडक्ट से परहेज करें* स्टील, कांच या लकड़ी के कंटेनर इस्तेमाल करें* प्लास्टिक पैकेजिंग से दूरी बनाएं* बच्चों के खिलौनों का चुनाव सोच-समझकर करें* हाथों को बार-बार धोते रहें
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.