हैट्रिक के लिए लड़ रही ‘मिरेकल गर्ल’, दूसरे नंबर पर पहुंची मनु| Hindi News

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हैट्रिक के लिए लड़ रही ‘मिरेकल गर्ल’, दूसरे नंबर पर पहुंची मनु| Hindi News



Paris Olympics 2024: ‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर ओलंपिक में इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी हैं. भारत के लिए आज बड़ा दिन है. मनु भाकर महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में एक्शन में हैं. पहली सीरीज के बाद मनु छठे नंबर पर हैं. पहली सीरीज में मनु भाकर के दो शॉट निशाने पर लगे. दूसरी सीरीज में मनु के पांच में से चार शॉट निशाने पर रहे. दूसरी सीरीज के बाद मनु चौथे नंबर पर हैं.
पहले ही दो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं मनु भाकर
मनु भाकर मौजूदा पेरिस ओलंपिक में पहले ही दो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. मनु भाकर अगर एक मेडल और जीत लेती हैं तो वह पेरिस ओलंपिक में मेडल्स की हैट्रिक पूरी कर लेंगी. मनु भाकर एक ही ओलंपिक में मेडल्स की हैट्रिक लगाने वाली भारत की पहली खिलाड़ी होंगी. मनु भाकर ने इससे पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. मनु भाकर ने फिर सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में दक्षिण कोरिया को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
हैट्रिक की दहलीज पर खड़ी ‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर
मनु भाकर एक ही ओलंपिक में 3 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनने के करीब खड़ी हैं. इससे पहले किसी भी पुरुष या महिला एथलिट ने एक ही ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीते हैं. आजादी से पहले ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में सिल्वर मेडल जीते थे. नॉर्मन प्रिचार्ड ने आजादी से पहले एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया था. मनु भाकर आज इस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ सकती हैं. 
कौन हैं मनु भाकर?
‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर का हरियाणा से गहरा नाता है. 18 फरवरी 2002 को मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ था. बचपन में शूटिंग से पहले मनु भाकर को बॉक्सिंग, स्केटिंग, एथलेटिक्स, टेनिस और जूडो कराटे जैसे दूसरे स्पोर्ट्स में भी इंटरेस्ट था. मनु भाकर की सफलता में उनके माता-पिता और उनके कोच जसपाल राणा का बहुत बड़ा योगदान रहा है. मनु भाकर के पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. मनु भाकर की मां स्कूल में प्रिंसिपल हैं. 
पिता ने बेटी के लिए छोड़ी थी नौकरी 
मनु भाकर के पिता राम किशन ने बेटी के सपनों के लिए अपनी नौकरी तक को कुर्बान किया था. पिता राम किशन ने बेटी मनु भाकर को ट्रेनिंग के लिए पिस्टल लाकर दी और उन्हें ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचाने और घर लाने की जिम्मेदारी संभाली. मनु भाकर के पिता राम किशन ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे थोड़े अंधविश्वासी है और जब भी मनु कोई बड़ा मैच खेलती हैं तो वे टेलीविजन बंद कर देते हैं.



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