Gum disease can spoil your memory do these measures to avoid dementia alzheimer disease| आपकी याददाश्त को खराब कर सकती है मसूड़ों की बीमारी, Dementia से बचने के लिए करें ये उपाय

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मसूड़ों की बीमारी की वजह से व्यक्ति को डिमेंशिया होने का खतरा होता है. अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय में किए गए एक शोध में यह स्पष्ट हुआ है. अध्ययन में बताया गया है कि मसूड़ों में कोई बीमारी या समस्या होने से वे कोशिकाएं परिवर्तित हो जाती है, जिनमें एमीलोइड प्लेक से मस्तिष्क को बचाने की क्षमता होती है. एमीलोइड प्लेक तंत्रिका कोशिकाओं का एक समूह होता है, जिसे डिमेंशिया रोग का संकेत माना जाता है अमेरिकी शोधकर्ताओं ने बताया कि अपने शोध में यह स्पष्ट किया है कि किस तरह मुंह से जीवाणु मस्तिष्क तक का रास्ता तय करते हैं.
बोस्टन यूनिवर्सिटी के डॉ. आल्पदोगन कैंटारसी ने बताया कि अगर आप अपने मुंह में होने वाले संक्रमण और सूजन जैसी समस्याओं की देखरेख नहीं करते हैं, तो आप अल्जाइमर जैसे खतरनाक रोग से नहीं बच सकते.मस्तिष्क से होता है संबंधउन्होंने बताया कि पूर्व में किए गए एक अध्ययन से हमें पता चल चुका था कि मसूड़ों में सूजन की समस्या का सीधा संबंध मस्तिष्क में होने वाली सूजन से होता है. इस अध्ययन में हमने इस सवाल पर शोध पर किया कि क्या मसूड़ों के जीवाणुओं से मस्तिष्क की कोशिकाओं में कोई परिवर्तन होता है या नहीं.
बैक्टीरिया से होती है नसों में सूजनडॉ. कैंटारसी ने कहा कि यह मसूड़ों में होने वाला घाव बैक्टीरिया को आपके ब्लड फ्लो में प्रवेश करने और शरीर के अन्य भागों में जाने का रास्ता देता है. उन्होंने बताया कि इस बात की पहचान करने के बाद कि मसूड़ों के रोग के बैक्टीरिया की वजह से नसों में सूजन की समस्या होती है, से हमें इस समस्या के हल को जानने में मदद मिलेगी. अध्ययन बताता है कि तंत्रिकाओं को सूजन और न्यूरोडिजेनरेशन से बचाने के लिए सूजन को नियंत्रित करना जटिल प्रक्रिया है.
डिमेंशिया से बचाव के लिए क्या करें?
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल: स्वस्थ मानसिक और शारीरिक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रयास करें. नियमित व्यायाम करना, सही आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है.
सोशल रिलेशनशिप बनाए रखें: सोशल रिलेशनशिप में शामिल होना और परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताना डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकता है.
मानसिक चुनौतियों का समाधान: तनाव को संभालने के तरीकों को सीखें, जैसे कि मेडिटेशन, योग या अन्य मानसिक शांति के तकनीक.
ब्रेन स्टिमुलेशन: ब्रेन स्टिमुलेशन के लिए चुनौतीपूर्ण गतिविधियों को अपनाने का प्रयास करें, जैसे कि पजल्स, सडोकू, बोर्ड गेम्स, या नई चीजों का सीखनाय
नियमित चेकअप: आयुष्मान भारत योजना के तहत नियमित चेकअप कराने से डिमेंशिया के खतरे का पता चल सकता है और उसका प्रबंधन किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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