वाराणसी: यूपी के वाराणसी के धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकर का मुद्दा फिर चर्चा में है. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इसके खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के बाद अब इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार की पुलिस एक्शन में दिखाई दे रही है. वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस बकायदा अभियान चलाकर मस्जिदों पर तय क्षमता से अधिक डेसिबल के लाउड स्पीकर को हटवा रही है. काशी जोन में अब तक 45 से ज्यादा स्थानों से लाउड स्पीकर को हटाया गया है. जबकि पूरे शहर में करीब 200 जगहों पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है.दरसअल, बीते दिनों महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्टूडेंट्स ने विश्वविद्यालय से सटे मस्जिद से तेज नमाज की आवाज आने को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया था. छात्रों के इसी हंगामे के बाद पुलिस की ओर से उन्हें इसके खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन मिला. जिसके बाद बनारस में लगातार अभियान चलाकर पुलिस लाउड स्पीकर को जब्त कर रही है.डीजे भी हुआ जब्तवाराणसी कमिश्नरेट के डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकर के ध्वनि को डेसिबल में नियमित किया गया था. उसी आदेश के क्रम में वाराणसी में जहां ज्यादा तेज आवाज वाले लाउड स्पीकर लगे है उन्हें हटवाया जा रहा है. इसके अलावा शादी विवाह में जो तेज आवाज के डीजे रात 10 बजे के बाद बजाए जा रहे हैं उसपर भी कार्रवाई करते हुए उसे जब्त किया जा रहा है. यह अभियान एक सप्ताह तक लगातार चलेगा.सपा-कांग्रेस ने साधा निशानावहीं अब इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने राजनीति भी शुरू कर दी है.यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार बुनियादी मुद्दों से जनता को भटकाने के लिए ऐसी कार्रवाई कर रही है. वहीं इस मामले में सपा के लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव सत्यप्रकाश सोनकर ने कहा कि मौजूदा समय में युवाओं को रोजगार की जरूरत है लेकिन सरकार उन्हें मंदिर मस्जिद के मुद्दे पर उलझा रही है.FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 16:56 IST