Ground report from lakhimpur bjp unease grows over ashish mishra gulf widens between sikhs and brahmins

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Ground report from lakhimpur bjp unease grows over ashish mishra gulf widens between sikhs and brahmins



नई दिल्ली/लखीमपुर. मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के जेल में बंद बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) के बारे में उनके वकील अवधेश सिंह का दावा है, ‘वह (आशीष) घटना के दिन मौके पर मौजूद नहीं थे. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को वीआईपी के स्वागत के लिए नहीं भेजा था. ऐसे में कोई साजिश नहीं है. वह केंद्रीय मंत्री के बेटे हैं और उसी की सजा भुगत रहे हैं.’ लेकिन लखीमपुर (Lakhimpur Incident) में लोग इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते है. अभियोजन पक्ष के साथ-साथ भाजपा के स्थानीय नेता भी इस दावे को सही नहीं मानते हैं. माना जा रहा था कि आगामी यूपी चुनाव में आशीष, लखीमपुर की निघासन विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन फिलहाल सब कुछ अनिश्चित लग रहा है. 3 अक्टूबर के दिन किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की घटना में आशीष, प्रमुख आरोपी हैं. बीजेपी के कुछ स्थानीय नेता आशीष को ‘बोझ’ बताने से भी नहीं हिचकते. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में सवाल उठाए है. अदालत ने कहा है कि जांच इस तरह से हो रही है मानो किसी को ‘बचाया’ जा रहा है.
भाजपा के गढ़ रहे लखीमपुर और पीलीभीत जिलों में किसानों और विशेष रूप से सिखों को नाराज करना पार्टी के लिए मुश्किल भरा कदम है. पार्टी के पास दोनों जिलों की सभी 12 विधानसभा सीटें और तीन लोकसभा सीटें हैं. पीलीभीत में सिखों की आबादी लगभग 5% और लखीमपुर जिले में 3% है. साथ ही पलिया, गोला और निघासन जैसी सीटों पर लगभग 8% सिख आबादी है. निघासन में एक सिख किसान ने तर्क दिया, ‘यही कारण है कि पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी अपनी सरकार के खिलाफ इतने सख्त हैं. उन्हें जीतने के लिए हमारे समर्थन की जरूरत है.’
सिख और ब्राह्मणों के बीच बढ़ी दूरी!घटना के बाद से ही लखीमपुर में सिखों और ब्राह्मण समुदाय के बीच दूरी बढ़ गई है. अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के नेता यह कह रहे हैं कि अभियोजन पक्ष जांच में सिख समुदाय का समर्थन कर रहा है. उनका कहना है कि किसानों को कुचलने के आरोप में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के मामले में केवल चार गिरफ्तारियां हुई हैं. हालांकि, लखीमपुर में News18 से बात करने वाले कई सिख किसानों ने पुलिस पर मिश्रा का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अपने ब्राह्मण वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहती.
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लखीमपुर में भाजपा के जिलाध्यक्ष सुनील सिंह ने News18 से कहा- ‘ना तो किसान हमारे खिलाफ हैं और न ही सिख. शरारती तत्वों का एक छोटा वर्ग, तथाकथित किसान, हमारे खिलाफ हैं.’ सिंह ने 3 अक्टूबर की घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया, लेकिन साथ ही कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. सिंह ने कहा, ‘आशीष मिश्रा के खिलाफ कानून अपना काम कर रहा है.’
15 नवंबर को होनी है जमानत पर सुनवाई15 नवंबर को अदालत द्वारा आशीष की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले, उनके वकील अवधेश सिंह ने News18 को बताया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनेगा. उन्होंने कहा, ‘यह सब मीडिया के दबाव में हो रहा है. अभियोजन पक्ष ने घटनास्थल पर आशीष की मौजूदगी साबित नहीं की है. इसलिए उन पर हत्या के आरोप गलत हैं. अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आपराधिक साजिश के एंगल से सबूत खोजने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमारा मानना है कि मामले के अन्य सभी आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि आशीष ने उन्हें कारों में मौके पर नहीं भेजा था. दरअसल, आशीष को पता ही नहीं चला कि वे चले गए हैं. इसलिए कोई साजिश नहीं है.’
एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि किसी ने अभी तक पुलिस केस डायरी नहीं देखी है या अदालत में दर्ज आरोपियों या गवाहों के बयानों तक उनकी पहुंच नहीं है, इसलिए आशीष को क्लीन चिट देना गलत होगा. तथ्यों का इंतजार करना चाहिए. आशीष के वकील सिंह के अनुसार जमानत याचिका में उन्होंने तर्क दिया है कि FIR के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा है कि आशीष ड्राइवर हरिओम मिश्रा के बगल में आगे की सीट पर बैठे थे, लेकिन वीडियो फुटेज में सुमित जायसवाल नाम का एक व्यक्ति उस तरफ से जीप से निकलता हुआ दिखाई दे रहा है. तो एफआईआर गलत है. आशीष कहीं भी जीप नहीं चला रहे थे और ना ही उन्होंने किसी वीआईपी को रिसीव करने के लिए कार्यकर्ताओं को कहीं भेजा था.’

उधर हालिया फॉरेंसिक रिपोर्ट ने यह पुष्टि की है कि आशीष की बंदूक से फायरिंग की गई थी. भाजपा के स्थानीय नेता ने कहा, ‘आशीष ने कहा था कि उनकी बंदूक से एक साल से कोई फायर नहीं हुआ. यह बात भी गलत साबित हुई.’ इस मामले में उनके वकील का कहना है कि आत्मरक्षा में लाइसेंसी हथियार को हवा में दागा जा सकता है, लेकिन पुलिस के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है कि हथियार को 3 नवंबर को दागा गया था. किसी भी ऑटोप्सी रिपोर्ट ने बंदूक की गोली की पुष्टि नहीं की है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



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