अयोध्या : अगस्त में उत्तर प्रदेश में 10 खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं.. इसमें से सबसे अहम अयोध्या का मिल्कीपुर विधानसभा सीट है. समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद फैजाबाद से सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है. फैजाबाद लोकसभा सीट में ही अयोध्या आता है. 2022 विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद फैजाबाद के मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक चुने गए थे. अब भारतीय जनता पार्टी मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर फैजाबाद लोकसभा सीट का हिसाब बराबर करना चाहती है, जिससे पूरे देश और दुनिया में एक मैसेज जा पाए कि अयोध्या यानि फैजाबाद लोकसभा सीट महज एक तुक्का था, जिससे समाजवादी पार्टी जीत गई.
दरअसल, मिल्कीपुर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर हमने वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत की और जानने की कोशिश की कि इस बार उपचुनाव में क्या-क्या मुद्दे होंगे और किसका पलड़ा भारी होगा?
हेरिंटन गंज ब्लॉक के घुरेटा गांव निवासी बलराम तिवारी का घर राम मंदिर से तकरीबन 35 किलोमीटर मिल्कीपुर विधानसभा में है. बलराम तिवारी का कहना है कि पिछले दिनों संसद भवन में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा अवधेश प्रसाद को अयोध्या का राजा बताने का मामला इस बार के उप चुनाव में चर्चा बन सकता है और बीजेपी इसके खिलाफ मंचों से इसे मुद्दा बनाएगी. दरअसल, जबसे अवधेश प्रसाद को अखिलेश यादव ने राजा कहा है तभी से चौक चौराहे पर यह चर्चा का विषय बना हुआ है. मिल्कीपुर के लोग अवधेश प्रसाद को राजा कहने को लेकर काफी नाराज है और अब चर्चाएं यह भी हो रही है कि अवधेश प्रसाद ने एक भी बार भी जय श्री राम नहीं कहा.
इसके अलावा अगर बात करें तो आवारा जानवर भी इस बार के उपचुनाव में मुद्दा होगा. इस बार के उपचुनाव में विकास का मुद्दा भी होगा. भाजपा विकास के मुद्दे पर वोट मांगती हैं और पहली बारिश के बाद रामपथ और जल भराव की तस्वीर सबके सामने थी. यह भी चौक चौराहे पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
हरिनटन गंज ब्लॉक के हरिरामपुर गांव निवासी राजेश का कहना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा आवारा पशुओं का है. बेसहारा पशुओं का है. ये किसानों के लिए समस्या बने हुए हैं और जो भी चुनाव जीते किसानों का यह मुद्दा सुलझा दे. किसान यही सोचते हैं.
इसी ब्लॉक के परताज़पुर गांव निवासी सुभाष यादव का कहना है कि आनंद सेन यादव की नाराजगी सपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. आंनद सेन यादव मित्रसेन यादव के बेटे है. वे सीपीआई के कद्दावर नेता थे. आनंद सेन यादव पूर्व विधायक है. मायावती सरकार में मंत्री थे. फिलहाल, समाजवादी पार्टी है लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और अवधेश प्रसाद से नाराजगी बढ़ गई थी, जिसके बाद आनंद सेन ने आखिरी दौर में प्रचार से अपने आप को अलग कर लिया था.
लोकसभा चुनाव में आनंद सेन यादव ने समाजवादी पार्टी के खिलाफ भीतरघात नहीं की, लेकिन उपचुनाव में अगर ऐसा होता है तो वह मुश्किल में आ सकती है, क्योंकि अवधेश प्रसाद केवल करीब 8 हज़ार वोट से ही मिल्कीपुर विधानसभा से लीड ले पाए थे. ग्राउंड रियलिटी ये है कि अवधेश प्रसाद और आनंद सेन यादव के आपसी रिश्ते अच्छे नहीं है.
बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला चुनाव था, जिसमें बीजेपी हार गई और विपक्ष पूरे देश में यह मैसेज देने में कामयाब रहा कि राम मंदिर का लोकसभा चुनाव में कोई मुद्दा ही नहीं था. लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के दौरे करते रहे, अयोध्या के विकास की बैठकें करते रहें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अयोध्या गए. लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के उम्मीदवार और तत्कालीन सांसद लल्लू सिंह के लिए रोड शो भी किया. लेकिन 54,567 वोटों से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने यहां से जीत हासिल कर ली.
मिल्कीपुर विधानसभा सीट से भी अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह को करीब 8,000 वोटों से पीछे कर दिया था. मिल्कीपुर विधानसभा में बीजेपी को 87,879 वोट मिले, जबकि समाजवादी पार्टी को 95,612 वोट मिले थे. अब इस सीट पर भाजपा ऐसा उम्मीदवार तलाश रही है जो सभी समीकरण को साथ कर चले और अयोध्या यानि फैजाबाद में बीजेपी की हार का बदला ले सके. तो वहीं दूसरी तरफ सूत्र यह बताते हैं कि समाजवादी पार्टी अवधेश प्रसाद के परिवार से ही किसी को उपचुनाव में टिकट दे सकती है.
Tags: Akhilesh yadav, Ayodhya, Ayodhya News, BJPFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 16:37 IST