Govardhan Puja 2023 : राधा दमोदार मंदिर में भव्य रूप से मनाया गया अन्नकूट उत्सव, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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सौरव पाल/मथुरा : मथुरा में गोवर्धन पूजा के दिन हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आकर कृष्ण भक्ति में लीन हो जाते हैं. देश के कुछ हिस्सों में गोवर्धन पूजा को ‘अन्नकूट’ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गौ माता की पूजा का विशेष महत्व है. गोवर्धन पर्वत की मान्यता विदेशों तक फैली हुई है. हर साल लाखों विदेशी श्रद्धालु परिक्रमा के लिए मथुरा आते हैं.

गोवर्धन पूजा का उत्सव ब्रज के प्रमुख उत्सवों में से एक है. इस दिन ब्रज के हर घर और मंदिर में सभी गोबर से अपने-अपने घरों में भगवान कृष्ण की गोवर्धन पर्वत बनाते है और साथ ही उसका पूजन भी करते है. इसी के साथ भगवान को इस दिन कढ़ी, चावल, खीर, जैसे विशेष व्यंजनों का भोग भी लगाया जाता है. जिसे अन्नकूट कहा जाता है.

क्यों मनाई जाती है गोवर्धन पूजा?वृंदावन के राधादमोदार मंदिर में भी गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया गया. जिसमें भगवान को 56 भोग लगाये गए. साथ ही मंदिर में रखी विशेष गोवर्धन शिला के भी दर्शन भक्तों ने किए. पौराणिक कथा के अनुसार देवराज इंद्र के प्रकोप से बृजवासियों की रक्षा करने के लिए सात दिन सात रात तक गोवर्धन पर्वत को बाएं हाथ की कनिष्ठ उंगली पर धारण किया था. श्रीकृष्‍ण ने इंद्र के घमंड को चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी.

क्या है मंदिर में स्थापित शिला का रहस्य ?मंदिर सेवायत दामोदर चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि इस गोवर्धन शिला को स्वयं भगवान कृष्ण ने स्वयं मंदिर के गोस्वामी और ब्रज के 6 प्रमुख गोस्वामियों में से एक श्री सनातन गोस्वामी को दी थी. उन्होंने आगे बताया कि यह शिला एक अलौकिक शिला है. जिस पर भगवान कृष्ण के चरण चिन्ह, गौ माता के चरण चिन्ह, भगवान की बांसुरी और लकुटी के चिन्ह अंकित है. साथ ही जो भी भक्त इस मंदिर और शिला की 4 बार परिक्रमा करता है. उसे गोवर्धन की सात कोस की परिक्रमा का फल मिलता है.
.Tags: Local18, Mathura news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 23:05 IST



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