रिपोर्ट: अभिषेक सिंहगोरखपुर. जिले में छह माह के अंदर जेई और एक्यूट इंसेफेलाइटिस के सिंड्रोम (एईएस) के कुल नौ ऐसे मरीज मिले हैं, जिनमें जेई के कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं. वेक्टर बोर्न डिजीज के प्रभारी एसीएमओ डॉ. एके चौधरी ने बताया कि जेई के नए लक्षणों ने परेशानी बढ़ा दी है. गोरखपुर में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) का बदला स्वरूप मरीजों और उनके परिजनों के लिए खतरनाक है. जेई के मरीजों में ऐसे लक्षण नहीं मिल रहे हैं, जो यह संकेत दे सके कि मरीजों में जेई के लक्षण हैं. छह माह के अंदर नौ ऐसे मरीज मिले हैं, जिनमें जेई के लक्षण नहीं थे. जबकि, डॉक्टरों ने आशंका पर जांच कराई तो जेई की पुष्टि हुई. विशेषज्ञों का कहना है कि यह चिंता का विषय है. अगर लोगों में लक्षण नहीं पता चलेंगे तो इलाज में देरी होगी, जो मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.
कुल नौ ऐसे मरीज मिले हैं, जिनमें जेई के कोई भी लक्षण नहीं मिलेजिले में छह माह के अंदर जेई और एक्यूट इंसेफेलाइटिस के सिंड्रोम (एईएस) के कुल नौ ऐसे मरीज मिले हैं, जिनमें जेई के कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं. वेक्टर बोर्न डिजीज के प्रभारी एसीएमओ डॉ. एके चौधरी ने बताया कि जेई के नए लक्षणों ने परेशानी बढ़ा दी है. इस बार जो भी जेई के मरीज मिले हैं, उन्हें झटका आने की शिकायत हुई है. वह भी खेलने के दौरान।ऐसी स्थिति में परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल और बीआरडी लेकर पहुंचे हैं, जहां पर इलाके की स्थिति को देखते जेई की जांच की गई, तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है. राहत की बात यह है कि आठ मरीज स्वस्थ हो गए हैं. जबकि,एक का इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
जेई का कोई लक्षण नहीं, झटके आने पर हुई जांच तो निकले पॉजिटिवमझघाट के रहने वाले पांच वर्ष के बालक को अचानक झटका आना शुरू हुआ।परिजन बीआरडी लेकर गए,जहां पर जांच की गई तो उसे बुखार नहीं आ रहे थे. न ही जेई का लक्षण था. लेकिन, जेई पीड़ित इलाके की वजह से डॉक्टरों ने जांच कराई तो जेई की पुष्टि हुई. कुसम्ही के 10 साल के बालक और फुलवरिया की एक साल की मासूम में भी जेई के कोई भी लक्षण नहीं थे. परिजन झटका आने पर बीआरडी में भर्ती कराएं, जांच में दोनों बच्चे जेई पॉजिटिव निकले. खोराबार के जंगल चौरी का रहने वाला 12 साल का बच्चा सीढ़ी से गिरा गया. इस बीच उसे झटके आने लगे. परिजन इलाज के लिए सीएचसी ले गए, जहां से डॉक्टरों ने बीआरडी रेफर कर दिया. एहतियात के तौर पर जांच कराई गई तो जेई की पुष्टि हुई है.
आपके शहर से (गोरखपुर)
उत्तर प्रदेश
जल, थल और नभ से श्रद्धालु करेंगे अयोध्या के मठ मंदिरों का दर्शन, जानें क्या है सरकार की मंशा?
वह जज जिसने सुनाई माफिया अतीक अहमद को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, ऐसा है उनका सफरनामा
Barabanki News: बाराबंकी हाईवे पर अब ‘तीसरी आंख’ का पहरा, जानिए कौन से कैमरे लगेंगे
…तो क्या 5 अप्रैल को आएगा यूपी बोर्ड 10वीं, 12वीं का रिजल्ट, क्या है सच्चाई
Ghaziabad: सेल्फ स्टडी से गेट एग्जाम में हासिल किया 28वीं रैंक, भारत में बुर्ज खलीफा बनाने का सपना
UP Board Result 2023 Date: यूपी बोर्ड हाई स्कूल, इंटरमीडिएट का रिजल्ट इस दिन होगा जारी! जानें क्या है इसकी सच्चाई
Hanuman Jayanti 2023: बजरंगबली करेंगे बेड़ा पार, इन राशियों की खुलेगी किस्मत…होंगे मालामाल!
दिव्यांगों की आस फांक रही धूल, करोड़ों की लागत से बना दिव्यांगों का विद्यालय 4 साल बाद भी नहीं हो पाया चालू
Moradabad: गांव में सड़क किनारे खाली भूमि पर उगाई जाएगी नेपियर घास, पशुपालकों को राहत की उम्मीद
Hanuman Jayanti 2023: साल में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती? यहां जानिए पूरी कहानी
Nauchandi Mela 2023: ऐतिहासिक नौचंदी मेले के लिए समितियों का गठन, जल्द शुरू होगा मेला
उत्तर प्रदेश
संचारी रोग अभियान में ढूंढे जाएंगे हाईग्रेड फीवर के मरीज- सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबेसीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जेई और एईएस के मरीजों की जांच के लिए संचारी रोग अभियान में हाईग्रेड फीवर के मरीज ढूंढे जाएंगे. इसके लिए एक अप्रैल से अभियान की शुरुआत की जाएगी. हाईग्रेड फीवर के मरीजों की इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) पर जांच कराई जाएगी. 60 फीसदी स्क्रबटाइफस और 15 फीसदी लेप्टोस्पायरोसिस बन रहे कारण जेई और एईएस के जो भी मरीज पूर्वांचल में मिल रहे हैं, उनमें 60 फीसदी कारण स्क्रबटाइफस हैं, जिसके वाहक चूहा छछूंदर है. इसके अलावा 15 फीसदी कारण लेप्टोस्पायरोसिस के हैं, जिनके कारण कुत्ते, बिल्ली से पनपने वाले बैक्टीरिया है.
बुखार के साथ आ रहा झटका तो कराएं जेई जांचबीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि जेई और एईएस के मरीजों में सबसे सामान्य लक्षण तेज बुखार है. अगर यह लक्षण नहीं मिल रहे हैं,तो ज्यादा खतरनाक है. बताया कि बुखार के साथ अगर बच्चों को झटका आ रहा है तो जेई जांच जरूर कराएं. जेई के लक्षण तेज बुखार आना (हाइग्रेड फीवर),गर्दन में अकड़न,सिर में दर्द, ठंड के साथ कंपकपी,कभी-कभी मरीज कोमा में चला जाना आदि है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Gorakhpur news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 18:09 IST
Source link