रिर्पोट- अभिषेक सिंहगोरखपुर : अगर आपको एक सप्ताह से अधिक समय तक जुकाम है तो इसे हल्के में कतई न लें. इसकी वजह से मरीजों के कान के पर्दे फट जा रहे हैं. ऐसे मरीजों के कान में तेजी से मवाद बन रहा है, जो उनके सुनने वाली ग्रंथियों को संक्रमित कर रहा है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में 40 से 50 फीसदी मरीज इस समस्या से पीड़ित आ रहे हैं. डॉक्टर ऐसे मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि अगर ज्यादा दिनों से जुकाम की समस्या है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें. वरना यह समस्या हमेशा के लिए उन्हें बहरा बना सकती है.बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नाक, कान,गला रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएन सिंह ने बताया कि ठंड के मौसम में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इस बीमारी में मरीजों की किन पैनिक झिल्ली (कान के पर्दे) में तेजी से छेद हो रहा है, जो धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है. ऐसे मरीजों की जांच में यह जानकारी मिली है कि इन्हें काफी दिनों से सर्दी और जुकाम था. स्थानीय स्तर पर दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं हुआ. इस बीच कान से सुनाई कम देने लगा और कान से मवाद आने लगा. जांच में पता चला कि मरीजों के कान के पर्दे फट गए हैं. ऐसे मरीजों की संख्या 40 से 50 फीसदी है. उन्होंने ने बताया कि नाक के पिछले और गले के ऊपरी हिस्से में यूस्टेकियन ट्यूब होती है , इसमें सर्दी की वजह से अक्सर संक्रमण हो जाता है और इसमें सूजन आ जाती है. इस बीच संक्रमण बढ़ने लगता है और कान के पर्दे तक पहुंच जाता है और पर्दे में छेद हो जाता है. इसके बाद कान बहने लगता है, लेकिन इस पर मरीज ध्यान नहीं देता है.क्या है इसके लक्षण ?कान के अंदर हवा महसूस होना, कम सुनाई देना, कान में तेज दर्द होना, छींकते समय सीटी सुनाई देना, कान से मवाद और खून आना है. खासकर बच्चों के लिए विशेष सावधानी रखें कान में कोई दिक्कत होने पर डॉक्टर से बिना सलाह लिए कोई चीज कान में न डालें . सर्दी के मौसम में विशेष सावधानी बरतें जुकाम होने पर उचित परामर्श लेकर डॉक्टर से इलाज करवाएं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 20, 2023, 15:59 IST
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