Gorakhpur News: आईटीएम कॉलेज के छात्रों बनाया ऑटोमैटिक मशीनगन, सेना का काम होगा आसान

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Gorakhpur News: आईटीएम कॉलेज के छात्रों बनाया ऑटोमैटिक मशीनगन, सेना का काम होगा आसान



रिर्पोट– अभिषेक सिंहगोरखपुर : गोरखपुर आईटीएम कालेज के छात्रों द्वारा हमेशा देश हित को ध्यान में रखते हुए तरह-तरह के डिवाइस तैयार किये जाते रहे है.  लेकिन इस बार आईटीएम कालेज के छात्रों ने एक ऐसा मशीनगन तैयार किया है जो ऑटोमैटिक है  और रिमोट के माध्यम से उसको ऑपरेट किया जा सकता है. इस ऑटोमेटिक गन को देश के जवान किसी बंकर में रहकर रिमोट से चला सकते हैं. यही नहीं देश के जवान अब सुरक्षित रहते हुए दुश्मनों को परास्त कर सकते है.इस गन में 360 डिग्री कैमरा लगा है, जो गन के सामने और अगल-बगल नजर रखेगा , और ऑपरेट करने वाला सैनिक उसको अपने मोबाइल और लैपटॉप पर देख सकता है और एक ही जगह से उसको ऑपरेट कर सकता है . इस तरह की डिवाइस से देश के जवानों की जन हानि नहीं होगी और दुश्मन परास्त होगा. इंजीनियरिंग के इन छात्रों ने कहा कि विद्यालय में रखे हुए स्क्रैप से यह गन बनाया गया है , अभी इसको और बेहतर बनाया जा सकता है . वाईफाई से चलने वाले इस गन की रेंज 100 मीटर तक है.चार छात्रों ने मिलकर कालेज में पड़े कबाड़ से किया कारनामागोरखपुर आईटीएम के छात्रों ने देश के जवानों को ठंड से बचाने के लिये अपने कॉलेज में पड़े कबाड़ के सामानों से एक वाई-फाई गन तैयार किया हैं , जो बॉर्डर पर तैनात देश के जवानों को ठंड से हीं नहीं बल्कि दुश्मन की गोलियों से भी रक्षा करेगा. गोरखपुर – गीडा स्थित आईटीएम इंजिनियरिंग कालेज के तृतीय वर्ष के मैकेनिकल इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट के चार छात्र दिग्विजय यादव ,कन्हैया यादव, कृष्णा साहनी और अनुराग श्रीवास्तव ने मिलकर कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में सेना के लिये इस यन्त्र को तैयार किया हैं.वाई -फाई गन के प्रोटोटाईप मॉडल में 2 इंच के दो मेटल के बैरल हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक बुलेट लगाई जाती हैं , बुलेट को गन में लोड करने के बाद जरुरत पड़ने पर वाई -फाई के ज़रिये गन को फायर का कमांड दें सकतें हैं. बॉर्डर पर तैनात देश के जवानों को दुश्मनों पर नजर रखने में आसानी होगी , साथ में हमारे जवानों के जान-माल का नुकसान भी बहुत कम होगा .कालेज निदेशक डॉ एनके सिंह ने क्या कहाआईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ0 एनके सिंह ने बताया हमारे छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया मिशन को देखते हुए देश के जवानों की सुरक्षा के लिये एक अच्छा प्रयास किया हैं. छात्रों को उचित सहायता व मार्गदर्शन के लिए कॉलेज प्रशासन की तरफ से गृह मंत्री को पत्र लिखा गया है. मानव रहित गन का प्रोटोटाईप बनाने में लगभग 20 दिनों का समय लगा है और 18000 हजार रुपये का खर्च आया है. मानव रहित गन को बनाने में मुख्य रूप से कार के साॅकर स्प्रिंग, 2 इंच की मेटल पाईप, वाई-फाई, कैमरा, 9वॉट की बैटरी, स्विच, लोहे के पार्ट्स का उपयोग किया गया है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 28, 2023, 12:51 IST



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