गूगल के करोड़ों के ऑफर को छोड़ आरुषि ने खड़ी की 50 करोड़ की कंपनी! 2 बार मिला ये पुरस्कार

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गूगल के करोड़ों के ऑफर को छोड़ आरुषि ने खड़ी की 50 करोड़ की कंपनी! 2 बार मिला ये पुरस्कार



विशाल झा/ गाजियाबाद: जीवन में सफलता उसी के हिस्से में आती है, जो संघर्ष से नहीं घबराता है. संघर्ष में सफलता छिपी होती है. गाजियाबाद की आरुषि अग्रवाल को भी बड़े सपने देखने का काफी शौक था. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि मेहनत और किस्मत उनके उन सभी सपनों को इतना जल्दी पूरा कर देगी.

ये कहानी है गाजियाबाद के नेहरू नगर में रहने वाली 27 वर्षीय आरुषि अग्रवाल की जो अब करोड़पति बन चुकी हैं. आरुषि अग्रवाल ने अपनी मेहनत के दम पर 50 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. इस कंपनी का नाम है ‘टैलेंट डीक्रिप्ट’. इस कंपनी को खड़ा करने से पहले आरुषि के पास कई नौकरियां के ऑफर आए जिनमें गूगल कंपनी ने भी एक करोड़ रुपए के पैकेज में आरुषि को अपने साथ जोड़ना चाहा लेकिन उन्होंने इस डील को ठुकरा दिया.

दो बार मिला वुमेन आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर का पुरस्कारमूल रूप से मुरादाबाद की रहने वाली आरुषि ने नोएडा के निजी कॉलेज से बीटेक और एमटेक की पढ़ाई की. वर्ष 2018 के अंत में आरुषि ने कोडिंग सीख कर सॉफ्टवेयर तैयार करना शुरू कर दिया था. अपनी कड़ी मेहनत के बाद सिर्फ डेढ़ साल में ही सॉफ्टवेयर कंपनी टैलेंट डीक्रिप्ट बनकर तैयार हो गया. जिसने आरुषि को एक नया मुकाम दिलाया. आरुषी की सफलता पर भारत सरकार के नीति आयोग की ओर से उन्हें देश की टॉप-75 महिला आंत्रप्रेन्योर में शामिल किया गया है. केंद्रीय आईटी मंत्रालय की ओर से उन्हें नवंबर 2022 और अप्रैल 2023 में उन्हें वुमेन आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर के पुरस्कार से नवाजा गया है.

380 कंपनियां ले रही कंपनी की सेवाएंआरुषि की कंपनी टैलेंट डिक्रिफ्ट युवाओं को उनकी मनचाही नौकरी हासिल करने में मदद करती है. फिलहाल अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर, यूएई, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, नेपाल सहित अन्य देशों की 380 कंपनियां उनकी कंपनी की सेवाएं ले रही हैं. विभिन्न कंपनियों की ओर से योग्य युवा शक्ति के चुनाव के लिए आरुषी ने टैलेंट डीक्रिप्ट नाम से प्लेटफार्म तैयार किया है. यहां आवेदन करने वाले युवाओं का हैकाथॉन के जरिए वर्चुअल स्किल टेस्ट लिया जाता है। स्किल टेस्ट पास करते हुए युवाओं को सीधे कंपनियों के साक्षात्कार में बैठने और योग्यता अनुसार मनचाहा पैकेज पाने में आसानी होती है. अब तक सैकड़ो युवा टैलेंट डिक्रिप्ट के जरिए नौकरी पा चुके हैं.

दादा को मानती हैं अपना आइडलआरुषि ने बताया कि वह अपने दादा ओमप्रकाश गुप्ता को अपना आइडल मानती है. शुरुआत में मन में काफी डाउट थे, लेकिन परिवार ने पूरा सहयोग दिया. आज इस कंपनी की सफलता के पीछे मेरे परिवार का हाथ है.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 22, 2023, 16:55 IST



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