जो दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण कैंसर को लेकर वैज्ञानिकों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि कैंसर सेल्स को 99% तक खत्म करने का एक चमत्कारी तरीका खोजा गया है. यह अध्ययन अमेरिका के राइस यूनिवर्सिटी, टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के वैज्ञानिकों की एक टीम ने किया है.
नेचर केमिस्ट्री पत्रिका में प्रकाशित हुए अध्ययन में बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए ‘नियर-इन्फ्रारेड लाइट’ का इस्तेमाल किया. इस तकनीक में ‘एमिनोसाइनिन’ नामक मॉलिक्यूल का उपयोग किया गया, जो कैंसर सेल्स की झिल्ली को तोड़ने में सक्षम है. ये अणु पहले से ही बायोइमेजिंग और कैंसर की पहचान के लिए उपयोग किए जाते रहे हैं.
राइस यूनिवर्सिटी के केमिस्ट जेम्स टूर ने इसे ‘मॉलिक्यूलर जैकहैमर’ कहा, जो पिछले कैंसर-किलिंग मॉलिक्यूल से लाखों गुना तेज है. उन्होंने बताया कि ये नई पीढ़ी की आणविक मशीनें हैं, जो कैंसर सेल्स को प्रभावी रूप से खत्म कर सकती हैं. इन्हें नियर-इन्फ्रारेड लाइट से एक्टिव किया जा सकता है, जो शरीर के अंदर गहराई तक पहुंच सकता है.
कैसे काम करती है यह तकनीक?एमिनोसाइनिन मॉलिक्यूल जब नियर-इन्फ्रारेड लाइ के संपर्क में आते हैं, तो कंपन करने लगते हैं. यह कंपन कैंसर सेल्स की झिल्ली को तोड़कर उन्हें पूरी तरह खत्म कर देता है. इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह शरीर के अंदर गहराई तक पहुंचकर (बिना सर्जरी के) हड्डियों और अंगों में मौजूद कैंसर का इलाज कर सकती है.
शोध का परिणामशोधकर्ताओं ने लैब में विकसित कैंसर सेल्स पर यह तकनीक आजमाई और 99% सफलता हासिल की. इसके अलावा, उन्होंने चूहों पर भी इस तकनीक का टेस्ट किया, जिनमें से आधे चूहे पूरी तरह से कैंसर फ्री हो गए. राइस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक सिसेरोन आयाला-ओरोजको ने कहा कि यह पहली बार है जब आणविक पैमाने पर मैकेनिकल फोर्स का उपयोग कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए किया गया है. यह तकनीक कैंसर के इलाज में क्रांति ला सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.