सनन्दन उपाध्याय/बलिया: जिले के ऐतिहासिक सुरहा ताल जिसे वर्तमान में पर्यटन स्थल घोषित किया जा चुका है. यह जिले के लिए रोजगार का बड़ा साधन बन सकता है. ऐसा कृषि विभाग के प्रोफेसरो का कहना है कि यहां की मिट्टी वरदान है. इस मिट्टी को सीधे पाउडर बनाकर अगर खेत में डाला जाए तो किसी खाद की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अगर इस गोखुर झील के मिट्टी को खाद के रूप में पाउडर बनाकर बाजार में लाया जाए तो यह जिले के लिए रोजगार का बड़ा साधन बन जाएगा. सुरहा ताल जिले के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
कृषि रसायन व मृदा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा.अशोक कुमार सिंह ने कहा कि यह सुरताल एक प्राकृतिक व्यवस्था है. सबसे बड़ी बात है कि यह ताल गंगा और घाघरा दोनों से जुड़ा हुआ है. ज्यादा समय तक पानी यहां लगा रहता है जब पानी कम होता है. तो अनेकों प्रकार की जड़ी बूटियां और घास इत्यादि धीरे-धीरे सड़ने लगते हैं. तत्पश्चात सब खाद में तब्दील हो जाते हैं.
वरदान है यहां की मिट्टीप्रोफेसर अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हम लोगों ने रिसर्च के माध्यम से पाया कि इस ताल की मिट्टी जिले के लिए वरदान है. क्योंकि इसमें सभी तथ्य पाए जाते हैं जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. इसके दो फीट की मिट्टी किसी खाद से कम नहीं है. चुकी इस मिट्टी को अगर सीधे पाउडर बनाकर खेतों में डाला जाए तो किसी भी खाद की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
ये है मिट्टी की खासियतयहां की मिट्टी खेती के लिए बड़ा ही उपयोगी है. खासकर दो फीट की मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा साढ़े तीन फीसदी यही नहीं इसमें प्रचुर मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और गंधक आदि है। इस मिट्टी में पोषक तत्वों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलने की क्षमता भी अधिक है. इतना ही नहीं बल्कि इस मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा लोहा, जस्ता, तांबा, मैग्निशियम, मैग्नीज की मात्रा भी गोबर से कम नहीं है। इस प्रकार से इसमें अनेक तथ्य प्रचुर मात्रा में है जो खेत के लिए एक तरह से कहा जाए तो रामबाण से काम नहीं है.
बन सकता है रोजगार का बड़ा साधनयहां के वरदान स्वरुप मिट्टी को खास तौर से अगर खाद के रूप में विकसित किया जाए. तो यह जनपद के लिए एक बड़ा रोजगार का साधन बन सकता है. यहां की मिट्टी को दो फीट तक काट कर सीधे पाउडर बनाकर पॉलिथीन में अगर किसानों को दिया जाए तो किसानों को भी स्वच्छ खाद कम लागत में प्राप्त हो जाएगी. और रोजगार का साधन भी प्रशस्त होगा.
देश के विकास में होगा मददगारयही नहीं इस मिट्टी में अगर गोबर की मात्रा सम्मिलित करके भी इसको विस्तार दिया जा सकता है. इसे निकालने के लिए शासन किसी को टेंडर भी दे सकता है. कोई बड़ी कंपनी इसमें कंपोस्ट मिलाकर इसका और विस्तार कर सकती है. हालांकि यह साधन अगर अपनाया जाए तो सरकार का खजाना भी मजबूत होगा. जो देश के विकास में मददगार साबित होगा.
.Tags: Ballia news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 22:08 IST
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