[ad_1]

हिमांशु श्रीवास्तव/सीतापुर: पिछले कुछ सालों में पारंपरिक खेती से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. यही कारण है कि अब किसान कम लागत में टिकाऊ आमदनी कमाने के लिये बागवानी फसलों की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. गोभी की खेती से जहां किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं, वहीं गांव के बेरोजगार लोगों को रोजगार से जोड़ रहे हैं.सीतापुर के महोली तहसील इलाके के बिहट गौर गांव के रहने वाले किसान राजकुमार गोभी की खेती कर रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है. सीतापुर में उगाये जाने वाला गोभी लखीमपुर, महोली, मैगलगंज तक सप्लाई किया जा रहा है. खास बात यह है कि किसानों को अपना माल बेचने के लिए मंडियों तक नहीं जाना पड़ रहा है. बल्कि व्यापारी ही किसानों के खेत तक पहुंच कर खरीदी कर रहे हैं.गोभी से हो रही है जोरदार कमाईफूल गोभी की खेती से जुड़े किसान राजकुमार ने बताया कि दो हजार से तीन हजार में एक क्यारी बीज के रूप में गोभी की पौध आती है. एक क्यारी की पौध एक बीघा में पौध रौपण किया जाता है. 60 दिन में तैयार होने वाली यह फसल के बारे मे किसान ने बताया कि 4 एकड़ में 20 हजार से 25 हजार तक का खर्च आता है. जिससे किसान एक बीघा में लगभग बीस सें तीस क्विटंल गोभी तैयार करता है. जिससे लाखों रुपए का मुनाफा भी होता है.कैसे करें गोभी की फसल का उत्पादनराजकुमार बताते हैं कि रोपाई के समय पौधे के बीच की दूरी का ख्याल रखें. पौधों को अधिक नजदीक न लगाएं. मेड़ बनाकर पौधा लगाने से पौधा जल्दी ग्रोथ करता है और इससे अच्छा फल तैयार होता है. फसल में खरपतवार न होने दें और समय–समय पर पानी डालते रहें. इसके लिए 70-80 सेमी की दूरी पर पंक्तियां बनाने की जरुरत होती है. किसान ने बताया कि ज्यादातर फूलगोभी, रोपाई के 60-75 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है. हालांकि, फसल का समय मुख्य रूप से उनकी किस्म, साथ ही साथ उनकी पर्यावरणीय परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है..FIRST PUBLISHED : November 15, 2023, 16:35 IST

[ad_2]

Source link