गन्ने की फसल को बर्बाद कर देता है खरपतवार, आसानी से ऐसे करें खत्म, एक्सपर्ट से जानें ट्रिक

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गन्ने की फसल को बर्बाद कर देता है खरपतवार, आसानी से ऐसे करें खत्म, एक्सपर्ट से जानें ट्रिक



सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: इन दिनों शरदकालीन गन्ने की बुवाई हो रही है. ऐसे में खरपतवार नियंत्रण भी बेहद जरूरी है. क्योंकि खरपतवार की वजह से गन्ने की फसल को भारी नुकसान होता है. जिससे पैदावार में भी गिरावट आती है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को समय-समय पर खरपतवार नियंत्रण के लिए काम करना चाहिए. जिससे उनकी फसल की बढ़वार अच्छे से हो सके.

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के प्रसार अधिकारी डॉक्टर संजीव पाठक ने बताया कि गन्ने में चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती के करीब 45 तरीके के खरपतवार पाए जाते हैं. जिन खेतों में ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई की जाती है. वहां बीच में काफी जगह होने की वजह से खरपतवार ज्यादा बढ़वार करते हैं. गन्ने की फसल में अगर समय से खरपतवार नियंत्रण न किया जाए तो गन्ने की उपज में 10% से 30% तक गिरावट आ जाती है. क्योंकि खरपतवार गन्ने की फसल के साथ प्रतियोगिता करते हैं. ऐसे में खरपतवार का नियंत्रण भी जरूरी है.

यांत्रिक विधि से ही करें खरपतवार नियंत्रण

डॉक्टर संजीव पाठक ने बताया कि गन्ने की बुवाई के शुरुआती तीन महीनों में खरपतवार नियंत्रण बेहद जरूरी है. खरपतवार नियंत्रण के लिए दो विधियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. पहली विधि जिसमें रासायनिक तरीके से खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव कर खरपतवारों को नष्ट किया जा सकता है तो वहीं दूसरी विधि यांत्रिक विधि है. जिसमें निराई गुड़ाई करके खरपतवार नष्ट किये जा सकते हैं. निराई गुड़ाई करने से मृदा में वायु का संचार होता है. जिससे गन्ने की जड़ों का समुचित विकास होता है. जब जड़ें पूरी तरीके से विकसित होगी तो मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों, किसानों द्वारा दिए गए उर्वरक और सिंचाई के जल को पौधे अच्छे से ग्रहण करेंगे जिससे बढ़वार अच्छी होगी तो किसानों को उपज अच्छी मिलेगी. साथ ही फसल में उगे हुए खरपतवार भी नष्ट हो जाएंगे.

रासायनिक विधि से ऐसे करें खरपतवार नियंत्रण

अगर किसी विशेष परिस्थितियों में रासायनिक विधि का इस्तेमाल करना पड़े तो चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती वाले खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए एक साथ 500 ग्राम मेट्रिब्यूज़ीन 70% (Metribuzin 70% WP) और 2 4 डी 58% ढाई लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर उसका छिड़काव कर दें. इस दौरान सावधानी रखें कि दवा का छिड़काव गन्ने की दो लाइनों के बीच की जगह पर खरपतवार पर ही करें. कोशिश करें कि गन्ने के पौधों पर दवा ना गिरे. गन्ने के पौधों पर दवा का छिड़काव होने से पौधों की बढ़वार प्रभावित हो सकती है.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 26, 2023, 23:42 IST



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