सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: जो किसान गन्ने की कटाई के बाद गेहूं की फसल की बुवाई करना चाहते हैं तो पछेती बुवाई के लिए किसानों को बीज की किस्म का बेहद ध्यान रखने की जरूरत है. ऐसे में किसानों को जल्द पकने वाली किस्म का ही चुनाव करना चाहिए. जिससे उनको कम समय में अच्छा उत्पादन मिल सकें. जिला कृषि अधिकारी डा सतीश चंद्र पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि जो किसान गन्ने की हार्वेस्टिंग करने के बाद गेहूं की बुवाई करना चाहते हैं. वह पछेती किस्म की ही बुवाई करें.
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि K-7903 किस्म किसानों के लिए अच्छी हो सकती है. यह विश्व की सबसे जल्दी पकने वाली वैरायटी है. यह 85 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इसके अलावा HD-3086, PBW-550, PBW-373, DBW-222 और PBW-725 की बुआई कर सकते हैं. यह सभी किस्में दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह तक बोई जा सकती हैं. जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि पछेती बुवाई करते वक्त 50 से 55 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से बुवाई करें. यह सभी वैरायटी 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपज देंगी.
बीज को शोध कर ही करें बुवाई
जिला कृषि अधिकारी डॉ सतीश चंद्र पाठक ने बताया की बुवाई करते समय बीज को शोध करके ही बुवाई करें. बीज शोधन के लिए कारबेंडाजिम (Carbendazim) ढाई ग्राम प्रति किलो या थीरम (Thiram) ढाई ग्राम प्रति या फिर ट्राइकोडर्मा (Trichoderma) 5 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से बीज में लगाकर बोएं.
20 प्रतिशत बढ़ाकर दें उर्वरक
जिला कृषि अधिकारी ने बताया की पछेती गेहूं की बुवाई में उर्वरक की मात्रा को 20% बढ़ाकर दें. उन्होंने बताया कि 120 किलो नाइट्रोजन 60 किलो फास्फोरस और 60 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिए. जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि गेहूं की पछेती बुवाई करने के दौरान सिंचाई के वक्त खास ध्यान रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गेहूं के 25वें दिन सिंचाई कर दें.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 15:05 IST
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