घर में करना चाहते हैं शिवलिंग की स्थापना? इन 4 बातों का रखें विशेष ध्यान! वरना…हो जाएगा अनर्थ

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घर में करना चाहते हैं शिवलिंग की स्थापना? इन 4 बातों का रखें विशेष ध्यान! वरना...हो जाएगा अनर्थ

मिर्जापुर : सावन मास में भगवान शिव की पूजा करने के साथ-साथ घर में शिवलिंग की स्थापना करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि शिवलिंग में जल और दूध चढ़ाने से व्यक्ति को हर तरह के कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और धन धान्य की प्राप्ति होती है. लेकिन कई बार अनजाने में शिवलिंग संबंधी ऐसी गलतियां कर देते हैं जो व्यक्ति के जीवन में अशुभ फल डालते हैं. अगर आप भी घर में शिवलिंग स्थापित करने जा रहे हैं, तो इन नियमों का जरूर ध्यान रखें

बूढ़ेनाथ मंदिर के महंत योगानंद गिरी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, घर में सिर्फ एक ही शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है इसलिए एक से अधिक कभी भी शिवलिंग न रखें. घर में रखे जाने वाले शिवलिंग के आकार का जरूर ध्यान रखना चाहिए. बता दें कि किसी भी शिवलिंग को घर में रख रहे हैं, तो उसका आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए यानी 4 इंच से ऊपर का शिवलिंग न रखें. शास्त्रों के अनुसार 5 तरह के शिवलिंग घर में रखकर पूजा कर सकते हैं.

5 तरह के शिवलिंग घर में कर सकते हैं स्थापितमहंत योगानंद गिरी ने बताया कि अगर भक्त घर में शिव की आराधना करना चाहते हैं तो पांच तरह के नर्मदेश्वर, पारद, स्फटिक, रजत व स्वर्ण के शिवलिंग रख सकते हैं. नर्मदेश्वर शिवलिंग जो कि अंगूठे के अग्र भाग के बराबर की हो, उसे पूजन के लिए उपयुक्त माना गया है. दूसरे शिवलिंग पारद है, जो धातु से बना हुआ है. वह भी आराधना के लिए खास है. वहीं, स्फटिक, रजत और स्वर्ण से निर्मित शिवलिंग को भी भक्त घर में स्थापित करके पूजन-अर्चन कर सकते हैं.

घर में पत्थर की प्रतिमा का न स्थापितयोगानंद गिरी ने बताया कि अचल प्रतिमा का पूजन एक जगह होता है. वह पाषाण की प्रतिमा होती है, जिसका प्रतिष्ठा किया जाता है. प्रतिष्ठा के बाद चल से अचल हो जाती है. चल प्रतिमा में नर्मदेश्वर शिवलिंग है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां का कंकड़-कंकड़ शिव है. वहीं, धातु से बनी प्रतिमाएं भी अचल होती है. भक्तों को सबसे खास बात का ध्यान देना है कि घर में पत्थर से बनी मूर्तियां का पूजन नहीं करना चाहिए. क्योकि बिना प्रतिष्ठा के पाषाण की प्रतिमा का पूजन नहीं किया जा सकता है.

इस समय करें पूजायोगानंद गिरी ने बताया कि शिव के भक्त भोर में उठकर दर्शन करें तो विशेष पुण्य मिलता है. भक्त घर में या शिवालय में गंगाजल से अभिषेक और बेलपत्र अर्पित करते हैं तो भगवान की कृपा उनपर बरसती है. शास्त्रस म्मत पूजन-अर्चन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
Tags: Dharma Aastha, Local18, Mirzapur news, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 07:00 IST

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