विशाल झा/गाजियाबादःकिसी भी जिले का केंद्र उसके सरकारी दफ्तर होते है. जहां रोजाना हजारों लोग अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों से मिलते है. कई बार बड़े नेताओं के निरीक्षण के दौरान भी इन्हीं दफ्तरों की कार्यशैली को परखा जाता है. सभी सरकारी दफ्तरों में आप एंट्रेंस गेट पर एक बड़ा सा पत्थर देखते होंगे. जिसमें सुनहरे शब्दों में उसे भवन के बारे में लिखा होता है. भवन की जानकारी के साथ ही इसका लोकार्पण किसने किया है. उनका नाम भी इस शिलालेख में मौजूद होता है. दरअसल यह शिलालेख पहचान होती है उस भवन की, जिसमें आप जा रहें है.
गाजियाबाद के धाम अवध चौहान पिछले कई वर्षों से शीला लेखन का काम कर रहे है. रामावत चौहान ने बताया कि उन्होंने जिले में नगर निगम का दफ्तर, जिलाधिकारी कार्यालय, गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (GDA ) के अलावा निजी स्कूलों और कॉलेज में भी शीला लेखन का कार्य किया है. फिलहाल राम अवध के पास तीन सपोर्टिंग स्टाफ है जिनमें उनके बेटे भी शामिल है.
तीन दिन का समय लग जाताराम अवध ने कहा कि एक शिलालेख बनने में दो से तीन दिन का समय लग जाता है. यह सभी पत्थर राजस्थान के हैवी ग्रेनाइट स्टोन होते है. जिन पर बारीकियों के साथ लिखावट की जाती है. इन लिखावट को लिखने के वक़्त विशेष सावधानी बरती जाती है. क्योंकि गलत लिखने पर इसे मिटाया नहीं जा सकता. ऐसे में एक पूरा पत्थर ही बर्बाद हो जाता है.
राम अवध को पुरस्कार मिल चुकाराम अवध की तारीफ कई पुराने आई.ए.एस ऑफिसर आज भी करते है. खुद गाजियाबाद डीएम से भी राम अवध को पुरस्कार मिल चुका है. इन भवन और निजी कॉलेज दफ्तर के राम अवध ने सरकार की बड़ी योजनाओं का भी शिलालेख बनाया है. जिसमें स्मार्ट सिटी, सड़क सुरक्षा योजना, आयुष्मान कार्ड योजना जैसी सुविधाएं शामिल है.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 3, 2023, 23:39 IST
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