सुशील सिंह/मऊ:भारत एक कृषि प्रधान देश है.जिसके कारण यहां बड़े पैमाने पर कृषि का कार्य होता है,तथा भारत की जनसंख्या का एक बड़ा भाग कृषि करके अपना जीवन यापन करता है. वहीं,अगर किसी कारणवश गेहूं की बुवाई समय से न कर पाए, तो उस साल हमें कम उत्पादन से ही संतोष करना पड़ता है.लेकिन अब वैज्ञानिकों ने गेहूं की ऐसी किस्म तैयार की है, जिसे लेट बुवाई भी करने पर हमें अच्छी फसल मिल सकती है और पैदावार भी बेहतर होगी.
जी हां ऐसी ही गेहूं की एक लेट वैरायटी है हलना K-68, जिसे हम जनवरी के पहले सप्ताह तक बुवाई कर सकते हैं. पैदावार भी प्रति हेक्टेयर 35-40 कुंतल होगी.कृषि उपनिदेशक मऊ सत्येंद्र सिंह चौहान के अनुसार अगर हम गेंहू की इस वैरायटी को बोते हैं, तो हमें समय से बोए गए गेंहू के बराबर ही पैदावार मिल सकती है. कृषि उपनिदेशक ने बताया कि ये कम समय में होने वाली गेहूं की एक लेट वैरायटी है.इसको हम 15 दिसंबर से लेकर जनवरी के पहले सप्ताह तक बो सकते हैं.
तीन सिंचाई में तैयार हो जाएगी फसललगभग 130 दिन में तैयार होने वाली गेंहू की इस किस्म से किसान 35 से 40 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं.इसमें मात्र 3 सिंचाई में ही पूरी फसल प्राप्त हो जाती है.
यहां से ले सकते हैं बीज
कृषि उपनिदेशक सत्येंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गेहूं की इस किस्म को हम खुले बाजार या प्राइवेट अथवा राजकीय बीज भंडार से बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.
पैदावार भी होगी बेहतर गेहूं की यह किस्म उन स्थानों के लिए ज्यादा उपयुक होती है. जहां आलू की खेती की जाती है.आलू बोने के बाद किसानों के पास गेहूं उत्पादन के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता.ऐसे में गेंहू की यह लेट वैरायटी इन किसानों के लिए बहुत ही मुफीद है. ऐसे में यदि आपकी भी गेहूं की बुवाई लेट हो गई हो, तो गेंहू की इस किस्म को बो कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : December 17, 2023, 09:26 IST
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