आजमगढ़: सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है. ठंड से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करना शुरू कर दिए हैं. रूम हीटर से लेकर ब्लोअर तक का इस्तेमाल लोग ठंड से बचने के लिए करने लगे हैं. ठंड का असर इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों पर भी पड़ने लगा है. ऐसे में किसानों और पशुपालकों के लिए अपने मवेशियों की देखभाल इस मौसम में एक बड़ी चुनौती बन गई है. ऐसे में ठंड के प्रभाव को कम करने एवं पशुओं को ठंड से बचने के लिए कुछ इंतजाम करना बेहद आवश्यक हैं, जिससे उन्हें ठंड से भी बचाया जा सके एवं दूध उत्पादन पर भी ठंड का प्रभाव न पड़े.
सर्दी में पशुओं की देखभाल क्यों जरूरी?
सर्दी के दौरान पशुओं को भी इंसानों की तरह विशेष देखभाल की जरूरत होती है. उचित देखभाल न करने पर पशुओं को ठंड लगने का खतरा बना रहता है, जिससे वह बीमार भी पड़ सकते हैं. ऐसे में ठंड के प्रकोप से बचने के लिए हमें अपने जानवरों को सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए.
पशुओं के रहने की जगह और गर्मी का इंतजाम
उनके रहने के स्थान को साफ-सुथरा और सूखा बनाए रखना बेहद जरूरी होता है. ठंड में अगर जानवर खुले में हैं, तो उन्हें फसल अवशेष जैसे बाजरे के पुआल से ढक देना एक बेहतरीन उपाय हो सकता है. जानवरों के रहने की जगह में नमी न हो, इसके लिए उसे कपड़े से ढकना चाहिए. इसके अलावा जगह को नमी से बचने के लिए रात में 100 वोल्ट का पीला बल्ब या लैंप का उपयोग किया जा सकता है. इस उपाय से उसे जगह पर थोड़ी गर्मी भी बनेगी . हवा से बचाने के लिए जानवरों को ऐसी जगह बांधें जहां ठंडी हवा सीधे न लगे.
सर्दियों में धूप का महत्व
सर्दियों में पशुओं को दिन में दो से तीन घंटे तक धूप में रखना जरूरी होता है. इससे उनके शरीर में गर्मी बनी रहती है और ठंड का प्रकोप भी कम होता है. सर्दी के कारण पशुओं में निमोनिया, खरवा, और मुवासा जैसी बीमारियाँ देखने को मिलती हैं. यदि एक जानवर बीमार हो जाए तो हवा के जरिए बीमारी दूसरे जानवरों तक भी फैल सकती है. इसीलिए जानवरों को अनावश्यक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने से बचना चाहिए.
दूध उत्पादन पर ठंड का असर
ठंड के कारण पशुओं में दूध उत्पादन में कमी आ जाती है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान हो सकता है. ऐसे में पशुपालकों को जानवरों की सेहत पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता होती है. जानवरों के रहने के स्थान पर ठंड का प्रकोप कम करने के लिए हीटर और ब्लोअर का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग करते समय इस बात का विशेष ध्यान देना जरूरी होता है कि कोई भी इलेक्ट्रिक उपकरण जानवरों की पहुंच से अधिक दूरी पर रखे जाने चाहिए. जिससे किसी प्रकार की घटना से बचा जा सके.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : December 15, 2024, 13:35 IST