Indian Cricket Team: भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. उन्होंने हाल ही में टीम इंडिया के एक युवा घातक गेंदबाज पर बड़ा बयान दिया है. ये गेंदबाज पिछले कुछ समय से खराब फोर्म से जूझ रहा है. ऐसे में गौतम गंभीर ने इस खिलाड़ी को अपने खेल में सुधार करने के लिए अहम सलाह दी है. ये खिलाड़ी फिलहाल न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जा रही तीन मैचों की टी20 सीरीज में भी टीम इंडिया का हिस्सा है.
गौतम गंभीर ने इस खिलाड़ी को दी अहम सलाह
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का मानना है कि गति में विविधता के अलावा, बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) के लिए यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि वह अपनी नो बॉल गेंदबाजी के मुद्दे को सुलझाए. अर्शदीप ने जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टी20 डेब्यू किया था. इस साल के दौरान 21 मैचों में 18.12 की औसत, 13.30 की स्ट्राइक रेट और 8.17 की इकॉनमी रेट से 33 विकेट लिए. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए दस विकेट लेने के लिए जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में भी सराहनीय काम किया. यहां तक कि आईसीसी इमर्जिग मेन्स क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए नामांकन भी अर्जित किया.
टी20 वर्ल्ड कप के बाद से ही फ्लॉप
टी20 वर्ल्ड कप 2022 के बाद से अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) ने टी20 में 10.24 इकॉनमी रेट से रन दिए हैं. गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के हवाले से कहा, ‘आप अपनी गेंदबाजी में कुछ नया करने के बारे में सोचते हैं. चाहे वह धीमी बाउंसर हो या स्लो गेंदबाजी. किसी प्रकार की भिन्नता. दुर्भाग्य से, उनके पास वास्तव में बल्लेबाजों को परेशान करने की गति नहीं है. इसलिए कुछ भिन्नता विकसित करनी होगी. वह उमरान मलिक नहीं है, वह मोहम्मद सिराज नहीं है. इसलिए एक चीज जो उन्हें करने की जरूरत है, वह शायद अपनी नो बॉल के मुद्दे को सुझाना है.’
नो-बॉल की परेशानी दूर करना जरूरी
अर्शदीप ने इस महीने की शुरूआत में पुणे में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 में पांच नो-बॉल फेंकी थी, जो किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा फेंकी गई सबसे अधिक थी. न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी20 में, अर्शदीप ने अपने आखिरी ओवर में एक नो-बॉल सहित 27 रन दिए, जिसमें भारत हार गया था. लेकिन वह लखनऊ में गेंदबाजों की मदद वाली पिच पर भारत की छह विकेट की जीत में 2/7 लेने के साथ वापसी की. गंभीर ने कहा, केवल मूल बातें सही रखें. देखिए, वर्ल्ड कप की स्थिति आपके घर में सामान्य रूप से मिलने वाली स्थिति से पूरी तरह से अलग है. ऑस्ट्रेलिया में नई गेंद से आपको स्विंग और उछाल मिल रही थी. लेकिन जब आप उपमहाद्वीप में खेलते हैं, तो परिस्थिति बिल्कुल अलग होती है.’
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