गर्दिश में सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल| रजनीकांत… भारतीय सिनेमा का वो नाम जिसे दक्षिण में सुपरस्टार से ज्यादा भगवान माना जाता है. रजनीकांत फर्श से अर्श तक पहुंचने की बेहतरीन मिसाल हैं. वो रजनीकांत जिसने बढ़ई के काम से शुरुआत की और कुली, बस कंडक्टर से होते हुए भारतीय सिनेमा का थलाईवा (Thalaiva) बन गया. लेकिन इस सफर के दौरान उन्हें एक बुरी आदत भी लग गई और वो थी स्मोकिंग. धूम्रपान के कारण उन्हें एक गंभीर समस्या की वजह से 2011 में अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और फिर सिंगापुर जाकर इलाज लेना पड़ा. आपको बता दें कि सिनेमा में भी रजनीकांत ने स्मोकिंग के खूब सीन किए, जिसके कारण पूर्व स्वास्थ्य मंत्री को भी नाराजगी जाहिर करनी पड़ गई थी.
2011 में इस बीमारी के कारण रजनीकांत को अस्पताल में होना पड़ा था भर्ती
रजनीकांत को 2011 में एलर्जिक ब्रोंकाइटिस की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. जिसके बाद उन्हें आगे का इलाज करवाने के लिए सिंगापुर जाना पड़ा था. बता दें कि, बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर को भी ब्रोंकाइटिस की समस्या से जूझना पड़ा था. जिसे उन्होंने काफी डरावना बताया था. Mayoclinic के मुताबिक, ब्रोंकियल ट्यूब में सूजन यानी इंफ्लामेशन आने की समस्या को ब्रोंकाइटिस कहा जाता है. ब्रोंकियल ट्यूब वो नली होती है, जो आपके फेफड़ों तक हवा लाने-ले जाने का काम करती है. ब्रोंकाइटिस के मरीजों को खांसी के साथ बिना किसी रंग का बलगम आने की समस्या भी होती है. यह समस्या एक्यूट (थोड़े समय के लिए) या क्रॉनिक (लंबे समय के लिए) हो सकती है.
‘गर्दिश में सितारे’ सीरीज के सभी आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
ब्रोंकाइटिस के कारण – Bronchitis Causes
मायोक्लिनिक के मुताबिक, एक्यूट ब्रोंकाइटिस आमतौर पर वायरस के कारण होता है. यही वायरस जुकाम या फ्लू के लिए जिम्मेदार होता है. वहीं, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के पीछे धूम्रपान, वायु प्रदूषण, धूल-मिट्टी से एलर्जी आदि होते हैं. आपको बता दें कि रजनीकांत को भी धूम्रपान की आदत के कारण ब्रोंकाइटिस की समस्या हुई थी. थलाईवा ने अपनी फिल्मों में भी कई बार स्मोकिंग वाला सीन किया. इस कारण एक बार 2002 में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और पीएमके के फाउंडर S Ramadoss ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की थी और उन्हें ऐसा ना करने की हिदायत दे डाली थी.
ब्रोंकाइटिस के लक्षण – Symptoms of bronchitis
मायोक्लिनिक के मुताबिक, ब्रोंकाइटिस को चेस्ट कोल्ड भी कहा जाता है. जो कि आमतौर पर 10 दिनों के भीतर कम होने लगता है. ब्रोंकाइटिस के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं.
खांसी
खांसी के साथ सफेद या किसी हल्के रंग का बलगम आना
कई बार बलगम के साथ खून आना
थकान
सांस फूलना
हल्का बुखार या ठंड लगना
सीने में जकड़न होना, आदि
ये भी पढ़ें: गर्दिश में सितारे: कई साल तक इस बीमारी से लड़ते रहे अरुण जेटली, धीरे-धीरे कर देती है बुरा हाल
ब्रोंकाइटिस का इलाज – Bronchitis Treatment
जब रजनीकांत इलाज करवाकर वापस आए, तो उससे अगले साल 2012 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बताया कि उनकी बीमारी के पीछे मुख्य वजह स्मोकिंग थी. जिसके कारण उनके फेफड़े और किडनी प्रभावित हो रही थी. लेकिन धूम्रपान छोड़ने के बाद वह काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं. मायोक्लिनिक के मुताबिक, ब्रोंकाइटिस का इलाज करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं.
खांसी से राहत दिलाने वाली दवा
बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामले में एंटीबायोटिक दवा
एस्थमा, सीओपीडी आदि एलर्जी के कारण होने वाले ब्रोंकाइटिस में उस समस्या को मैनेज करने के तरीके
धूम्रपान छोड़ना
स्वस्थ फूड का सेवन
एक्सरसाइज, आदि
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.