वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी के अस्सी घाट में एक अनोखा नजारा देखने को मिला. चंद्रग्रहण के सूतक काल के कारण एक तरफ जहां मंदिरों के कपाट बंद हो गए हैं, तो वहीं गंगा घाटों की होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती भी सूतक काल के पहले दोपहर में सम्पन्न कर दी गई. बता दें कि 32 सालों में चौथी बार ऐसा हुआ है जब गंगा आरती दोपहर में सम्पन्न की गई है.
विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती सायंकाल के बजाए दोपहर में संपन्न कराई गई. श्रद्धालुओं की भीड़ भी इस अनोखी गंगा आरती के समय में सहभागी बनी रही. मंत्रोंचार और हर-हर महादेव के जयकारे से पूरा घाट गुंजायमान हो गया है.
जानें क्यों दोपहर में हुई गंगा आरतीबता दें कि चंद्रग्रहण के कारण यह आरती दोपहर में ही संपन्न कराई जा रही है. बनारस के सभी घाटों पर यह दृश्य शनिवार को देखने को मिल रहा है. यहां आयोजक गंगा आरती दोपहर में सम्पन्न करवा रहे हैं तो वहीं श्रद्धालु भी इस आरती में शामिल होकर इस अद्भुत क्षण के गवाह बन रहे हैं.
काशी देवालयों के मुख्य द्वार पर लगा ताला, कल सुबह तक बंद रहेगा कपाट
2023 के आखिरी चंद्रग्रहण के पहले सूतक काल के कारण काशी के सभी देव और देवी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं यो वहीं मोक्ष काल तक के लिए मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया गया है. दुर्गा मंदिर, संकट मोचन मंदिर,मानस मंदिर तमाम बड़े मंदिरों के मुख्य द्वार बंद कर दिए गए हैं.
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सूतक काल लगभग 4 बजे शुरू होगा, लेकिन उसके पहले की काशी में दर्जनों देवालय बंद हो गए हैं. इतना ही नहीं जो खुले हैं वो शाम 4 बजे बंद हो जाएंगे. मान्यता है कि चंद्रग्रहण के दौरान सूतक काल के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. फिर मोक्ष काल के बाद मंदिर खोले जाते हैं. ऐसे में अब काशी के मंदिर 29 तारीख ब्रह्म मुहूर्त से खुलेंगे, तब जाकर भक्तों को मंदिरों में प्रवेश दिया जाएगा. बता दें कि चंद्रग्रहण रात एक बजकर पांच मिनट पर शुरू होगा और दो बजकर 23 मिनट पर खत्म, जिसके बाद सभी धार्मिक कार्य शुरू होंगे.
.FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 16:25 IST
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