विशाल झा/गाजियाबादः आज देश भर में राष्ट्रपति महात्मा गांधी की 154 वीं जयंती मनाई जा रही है. देश में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बाद यह तीसरा राष्ट्रीय पर्व 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के विचार आज भी समूची दुनिया को प्रभावित करते है. अहिंसा के पद पर चलकर गांधी जी ने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाया था.
महात्मा गांधी के प्रति लोगों में सम्मान बढ़ाने और उनके विचारों को याद करने के लिए हर साल 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. महात्मा गांधी को बाद में लोग बापू कहकर पुकारने लगे थे. आपको बता दे कि बापू का कनेक्शन गाजियाबाद से भी जुड़ा हुआ है. जी, हां दिल्ली से सटे ऐतिहासिक जनपद गाजियाबाद अपने साथ कई किस्से समेटे हुआ है. उनमें से कई किस्से गांधी जी की यात्रा और गाजियाबाद वासियों के देश प्रेम की अटूट भावना से जुड़े हुए है.
गाजियाबाद के घंटाघर में देखी थी हिंदू -मुस्लिम एकता यात्रा
इतिहासकार डॉक्टर कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि पहले जनपद मेरठ का हिस्सा ही गाजियाबाद हुआ करता था. 22 जनवरी 1920 को महात्मा गांधी मेरठ आए थे. सुबह 9:30 बजे बापू देवनागरी स्कूल पहुंचने के बाद महात्मा गांधी जुलूस में शामिल हो गए. जुलूस में उनका भव्य स्वागत किया गया.जिसमें बैंड- बाजेवाले के साथ ही अन्य लोग साइकिल पर सवार थे.
जुलूस गाजियाबाद के घंटाघर तक पहुंचा
इस जुलूस में पहुंचने के बाद बापू को एक बग्गी में बैठाया गया और फिर यह जुलूस गाजियाबाद के घंटाघर तक पहुंचा. जुलूस की खास बात यह थी कि इसमें हिंदू और मुस्लिम एकता देखने को मिल रही थी. सभी मुसलमानों के माथे पर चंदन का टीका लगा हुआ था और हिंदू के माथो पर एक बैंड बंधा हुआ था जिस पर तारे बने थे. यह देखकर गांधी जी काफी प्रसन्न हुए थे.
अंग्रेजों से निडर होकर लड़ते थे गाजियाबाद निवासी
इसके अलावा आजादी की क्रांति के वक्त गाजियाबाद निवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. गाजियाबाद के पतला निवाड़ी पर मोदीनगर में कई गांव ऐसे हैं जो आज भी अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए माने जाते है. गाजियाबाद की हिंडन विहार में भी अंग्रेजों से कड़ा युद्ध हुआ था. गांधी जी गाजियाबाद जाकर गाजियाबाद निवासियों को भी प्रेरित किया करते थे और उनके हक के लिए उन्हें जागरुक करते थे.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : October 2, 2023, 23:46 IST
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