गाजीपुर: मानव जीवन के लिए प्रकृति ने इस धरती को एक से बढ़कर एक पेड़-पौधे दिए हैं. इनसे लोगों को फल और अनाज सहित शुद्ध हवा, भोजन पकाने के लिए लकड़ी सहित तमाम चीजें मिलती हैं. इनका इतना महत्व होने के बाद कभी विकास के नाम पर तो कभी निजी लाभ के लिए लोग पेड़ों को काट देते हैं. इससे प्रदूषण बढ़ने के साथ ही तमाम तरही की दिक्कतें होती हैं. हालांकि, कुछ लोग इनके महत्व को समझते हैं और पेड़-पौधों को बचाने का काम करते हैं. उन्हीं में से एक हैं गाजीपुर के प्रवीण तिवारी. इन्हें “पेड़ बाबा” के नाम से जाना जाता है.
प्रवीण ने बीते 20-25 वर्षों में शहर के हर कोने में हजारों पेड़ लगाए हैं. खास बात यह है कि प्रवीण बिना प्रचार और कैमरों की चमक के यह काम अकेले करते हैं. प्रवीण का कहना है, “मैं प्रचार नहीं करता, पेड़ लगाना मेरा जुनून है.” उनकी इस मेहनत की गवाही गाजीपुर की सड़कों के किनारे खड़े हजारों हरे-भरे पेड़ देते हैं.
चुनौतियों के बावजूद हरियाली का जुनूनप्रवीण तिवारी का यह सफर आसान नहीं था. कई बार उनके पौधे उखाड़े गए. उनकी बाल्टियां फेंकी गईं लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने उन जगहों पर भी पेड़ लगाए जहां सीमेंट की दीवारें खड़ी थीं. प्रवीण बताते हैं, “जो लोग मेरे प्रयासों में रुकावट डालते थे, उनके जीवन में भी कहीं न कहीं समस्याएं आईं.”
सड़क हादसे ने पेड़-पौधे के महत्व को समझायाप्रवीण तिवारी के अनुसार, एक सड़क हादसे ने उनकी सोच बदल दी. एक टक्कर के बाद वह फूलों पर गिरे तो उन्हें महसूस हुआ कि यह प्रकृति ही है जो उन्हें बचा सकती है. इस घटना के बाद उन्होंने निश्चय किया कि वह पेड़ लगाएंगे और प्रकृति को समर्पित रहेंगे. उनका मानना है कि पेड़ केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी पेड़-पौधे और हरियाली बेहद जरूरी है.
पेड़ बाबा का संदेशप्रवीण का मानना है कि लोग भौतिकवाद में इतने डूब चुके हैं कि प्रकृति को भूल गए हैं. उन्होंने बताया कि उनके लगाए पेड़ों के कारण पक्षियों को बसेरा मिलता है और फूलों के पेड़ पर्यावरण में खुशबू और खूबसूरती जोड़ते हैं. उनका संदेश है, “अगर हम पेड़ों की रक्षा करेंगे, तो प्रकृति हमारी रक्षा करेगी.”
Tags: Ghazipur news, Local18FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 22:35 IST