गर्दिश में सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र के कद्दावर नेता हैं. करीब 60 वर्ष लंबे अपने राजनीतिक करियर में शरद पवार ने कई पार्टियों का साथ दिया और इस दौरान उन्होंने मध्यम वर्गीय कृषि परिवार से देश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तक का सफर तय किया. हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री को इस दौरान एक गलती का अफसोस आज तक सता रहा है. जिसके कारण उन्हें ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) जैसी जानलेवा बीमारी हो गई थी. 2004 में इसी ओरल कैंसर की सर्जरी के दौरान शरद पवार को अपने सारे दांत तक खोने पड़ गए थे.
What is Oral Cancer: क्या है ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) की बीमारी?National Institute of Dental and Craniofacial Research (NIDCR) के मुताबिक मुंह और गले के पिछले भाग पर होने वाले कैंसर को ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) कहा जाता है. इसमें मुंह या गले के पिछले भाग में कैंसरीकृत सेल्स बढ़ने लगती हैं. यह जीभ के ऊपर, मसूड़े और मुंह के टिश्यू की लाइनिंग, जीभ के नीचे, जीभ के बेस, होठों या गले के पिछले भाग पर हो सकता है.
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40 साल पुरानी इस गलती पर शरद पवार को आजतक होता है अफसोसविभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2018 में इंडियन डेंटल एसोसिएशन (IDA) के ओरल कैंसर विषय से जुड़े एक इवेंट में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी 40 साल पुरानी गलती के बारे में बताया. जिसके कारण उन्हें ओरल कैंसर की समस्या हुई थी. शरद पवार कहते हैं कि काश उन्हें कोई 40 साल पहले सुपारी और तंबाकू खाने से रोक लेता. NIDCR के मुताबिक, ओरल कैंसर के निम्नलिखित कारण (Oral Cancer Causes) होते हैं.
यौन संचारित एचपीवी वायरस (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) से संक्रमण
तंबाकू और शराब का सेवन
बढ़ती उम्र के कारण
सूरज की रोशनी के संपर्क, आदि
Oral Cancer Symptoms: ओरल कैंसर के लक्षणNIDCR के मुताबिक, अगर निम्नलिखित लक्षणों में से कोई लक्षण दो हफ्तों तक बना रहता है, तो आपको डॉक्टर या डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए. जैसे-
मुंह, होंठ या गले में घाव, इर्रिटेशन, लंप या मोटा पैच
मुंह के अंदर सफेद या लाल पैच
गले में सूजन या गले के अंदर कुछ चिपके होने का एहसास
चबाने, निगलने या बोलने में परेशानी
जबड़ा या जीभ घुमाने में परेशानी
जबड़े में सूजन, जिससे जबड़ा ढंग से बंद ना हो पाए
जीभ या मुंह के अन्य हिस्सों का सुन्न हो जाना
कान में दर्द, आदि
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पूर्व केंद्रीय मंत्री का बीमारियों से रहा है चोली-दामन का साथ80 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री का बीमारियों के साथ चोली-दामन का साथ रहा है. इसी साल 2021 की शुरुआत में उन्हें गॉल ब्लैडर की समस्या के कारण सर्जरी से गुजरना पड़ा था. जिसके तुरंत एक महीने के अंदर उन्हें सर्जरी से माउथ अल्सर निकलवाना पड़ा. कैंसर सर्वाइवर शरद पवार इससे पहले भी 2010 में मुंह के अंदर इंफेक्टिव ग्रैन्युलोमा की सर्जरी करवा चुके हैं. यह एक इंफ्लामेटरी ग्रोथ होती है, जो कि इंफेक्शन के कारण विकसित होती है. यह सभी जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दी गई है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.