नई दिल्ली: टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) ने हाल ही में टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ी है. विराट टी20 टीम की कप्तानी तो पहले ही छोड़ चुके थे, जिसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से भी हटा दिया. अब विराट लंबे समय के बाद सिर्फ एक खिलाड़ी के रूप में टीम में खेलते हुए नजर आएंगे. इसी बीच बीसीसीआई के पूर्व सचिव ने भारत की टेस्ट टीम के नए कप्तान को लेकर एक खिलाड़ी के नाम का सुझाव दिया है.
रोहित को ना बनाया जाए कप्तान
बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने सोमवार को सुझाया कि भारत के अगले टेस्ट कप्तान के तौर पर केएल राहुल को विराट कोहली की जगह दी जानी चाहिए क्योंकि 29 साल के सलामी बल्लेबाज लम्बे समय तक यह जिम्मेदारी संभालने में सक्षम हैं. कोहली ने शनिवार शाम भारतीय टीम की टेस्ट कप्तानी छोड़कर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था. जगदाले ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत का अगला टेस्ट कप्तान ऐसा होना चाहिए जो लम्बे समय तक यह जिम्मेदारी संभाल सके.
इस पैमाने के मुताबिक मैं देश के अगले टेस्ट कप्तान के रूप में केएल राहुल का नाम सुझाना चाहूंगा.’ पूर्व राष्ट्रीय सेलेक्टर ने कहा कि राहुल ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन किया है और भारत के साथ ही विदेशी सरजमीन पर भी रन बनाए हैं. जगदाले ने जोर देकर यह भी कहा कि बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को सुनिश्चित करना चाहिए कि अरबों रुपये के कारोबार से जुड़ी टी20 लीग आईपीएल के ‘‘शक्ति केंद्र’’ भारत के राष्ट्रीय क्रिकेट के नीति निर्धारण में कोई दखल न दे सकें.
बीसीसीआई के पूर्व सचिव ने कहा कि उन्हें कोहली का अचानक टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला खल गया क्योंकि वह खेल के इस फॉर्मेट में भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक थे. उन्होंने कहा, ‘भारतीय टेस्ट क्रिकेट में कोहली के योगदान को कतई नकारा नहीं जा सकता.’
सबसे सफल कप्तान हैं कोहली
विराट कोहली (Virat Kohli), जिन्होंने पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में भारत की कप्तानी की थी. उनको एमएस धोनी द्वारा जनवरी 2015 में सिडनी में चौथे टेस्ट से पहले प्रारूप से संन्यास लेने की घोषणा के बाद पूर्णकालिक भूमिका सौंपी गई थी. भारत के लिए कोहली ने खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में सबसे सफल कप्तान के रूप में टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दिया है. कप्तान के रूप में कुल मिलाकर उनके समय के दौरान भारत ने 68 टेस्ट खेले, जिसमें 40 जीते, 17 हारे और 11 मैच ड्रॉ रहे. उनका जीत प्रतिशत 58.82 था और उनके कार्यकाल के दौरान टीम ने विदेशी और घरेलू परिस्थितियों में यादगार जीत दर्ज की. केपटाउन टेस्ट भारत के कप्तान के रूप में कोहली के लिए आखिरी मैच था.