India vs Australia Test Series: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई हालिया टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन करने वाले शुभमन गिल की आलोचना बढ़ती जा रही है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने गिल की आलोचना करते हुए बीसीसीआई के चयनकर्ताओं पर भेदभाव का आरोप लगा दिया. गिल 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 3 मुकाबलों में प्लेइंग-11 का हिस्सा था. उन्होंने इस दौरान सिर्फ 93 रन बनाए. इसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 31 रन रहा.
‘मैदान पर आक्रामकता दिखानी चाहिए’
स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए बद्रीनाथ ने कहा, ”अगर यह शुभमन गिल तमिलनाडु से होते, तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया होता. इस स्तर पर उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. आप रन बना सकते हैं या नहीं, लेकिन आपको मैदान पर आक्रामकता दिखानी चाहिए. मैं चाहता था कि वह गेंदबाजों को थकाएं. मैं चाहता हूं कि आप 100 गेंदें खेलें, गेंदबाजों को थकाएं. भले ही रन न आ रहे हों, लेकिन दृढ़ रहें.”
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‘मुझे गिल से वह नहीं मिला’
बद्रीनाथ ने यह भी कहा कि गिल मैदान पर भी प्रभावशाली नहीं दिखे. उन्होंने कहा, ”आपको वहां जाकर यह नहीं कहना चाहिए कि मैं ऐसे ही खेलूंगा. जो भी आप कर सकते हैं, उस समय में आपको प्रयास करना चाहिए. इस सीरीज में, मुझे गिल से वह नहीं मिला. यहां तक कि मैदान पर भी वह खराब थे. वह स्लिप और पॉइंट पर भी नहीं टिक पाए. वह टीम में क्या योगदान दे रहे हैं?”
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अपमान करना मकसद नहीं: बद्रीनाथ
गिल को भारत के भविष्य के सितारों में से एक माना जाता है. वह घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलते हैं और उन्होंने महान भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह के मार्गदर्शन में भी काम किया है. वहीं, बद्रीनाथ तमिलनाडु से हैं और उन्होंने भारतीय टीम के लिए सात वनडे, दो टेस्ट और एक टी20 मैच खेले हैं. बद्रीनाथ के इस बयान से विवाद छिड़ गया है और कई लोगों ने उन पर क्षेत्रीयता का आरोप लगाया है. हालांकि, बद्रीनाथ ने कहा कि उन्होंने सिर्फ गिल के प्रदर्शन पर सवाल उठाया है और उनका इरादा किसी का अपमान करना नहीं था.