Ajay Jadeja Jamnagar:जामनगर के शाही परिवार के वारिस को लेकर सबसे बड़ी खबर आ रही है. जाम साहब के वारिस के तौर पर अजय जडेजा के नाम का ऐलान हो गया है. जाम साहब श्री शत्रुशल्यसिंहजी महाराज ने राज परिवार के ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की है. अजय जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके हैं. दशहरा के दिन शत्रुशल्य सिंहजी ने कहा, ”मुझे खुशी है कि अजय जडेजा नवानगर के नए जाम साहब होंगे.” पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा जामनगर के रहने वाले हैं और नवानगर शाही परिवार से हैं. वे पहले से ही जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी के करीबी रहे हैं.
पीएम मोदी के करीबी
जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास करीबी हैं. पीएम मोदी जब जामनगर आए थे तब वो जाम साहब से खास मिलने आए थे.अजय जडेजा का जन्म 1 फरवरी 1971 को जामनगर के शाही परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम अजयसिंहजी दौलतसिंहजी जाडेजा है. वह जामनगर के शाही वंशज हैं. जामनगर को पहले नवानगर के नाम से जाना जाता था. जहां आजादी से पहले भारत में जडेजा राजवंश का एक साम्राज्य था.
वारिस का इतिहास
जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी का कोई संतान नहीं है. इस वजह से उन्होंने अजय जडेजा को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी के पिता दिग्विजय सिंह थे जो 33 वर्ष तक जाम साहब रहे थे. उनके चाचा रणजीतसिंहजी ने उन्हें गोद लिया और अपना उत्तराधिकारी बनाया. प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी घरेलू क्रिकेट चैंपियनशिप का नाम उनके पैतृक रिश्तेदार सर रणजीत सिंहजी विभाजी जडेजा (जिन्हें अक्सर रणजी कहा जाता है) के नाम पर रखा गया है. जो 1907 से 1933 तक नवानगर के राजा थे.
शत्रुशल्यसिंहजी रहे हैं क्रिकेटर
अजय जडेजा रणजीतसिंहजी और दिलीपसिंहजी के परिवार से हैं. शत्रुशल्यसिंहजी स्वयं भी प्रथम श्रेणी क्रिकेटर रहे हैं. वह नवानगर के महाराजा की उपाधि धारण करने वाले अंतिम व्यक्ति हैं. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह 1972 तक सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख रहे. उन्होंने 1958-59 सीजन में बॉम्बे के खिलाफ सौराष्ट्र के लिए फर्स्ट क्लास में डेब्यू किया था.
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भारत के लिए लंबे समय तक खेले जडेजा
अजय जड़ेजा 1992 से 2000 तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे. वह उप कप्तान भी थे. उन्होंने भारत के लिए 15 टेस्ट मैच और 196 वनडे मैच खेले हैं. 53 वर्षीय अजय जडेजा जामनगर के शाही परिवार से हैं. मैच फिक्सिंग में नाम सामने आने के बाद उनके क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. साल 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने ये बैन हटा दिया, लेकिन इसके बाद जडेजा क्रिकेट नहीं खेल सके. उन्होंने आईपीएल में विभिन्न टीमों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को कोचिंग दी.
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जामनगर के शाही परिवार का इतिहास
आपको बता दें कि जामनगर के शाही परिवार का इतिहास जाडेजा राजवंश के राजा जाम रावल से जुड़ा हुआ है. उन्होंने 1540 में नवानगर राज्य की स्थापना की. उन्होंने नागमती और रंगमती नामक दो नदियों के तट पर एक महल, एक किला और देवी आशापुरा का एक मंदिर बनवाया. राजा जाम रावल के साथ कच्छ से 36 प्रकार के राजपूत सीधे जामनगर आए. आपको बता दें कि स्थानीय भाषा में जाम शब्द का मतलब मुखिया होता है. इस उपाधि का प्रयोग सबसे पहले जाम रावलजी जाडेजा ने किया था.
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अजय जडेजा को उत्तराधिकारी घोषित किया गया
अजय जडेजा को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए शत्रुशैलीसिंहजी ने अपने घोषणा पत्र में कहा, ”दशहरा का त्योहार पांडवों के वनवास से विजय की ओर लौटने का प्रतीक है. मेरी दुविधा खत्म हो गई है, और अजय जडेजा ने मेरे उत्तराधिकारी बनने की उनकी इच्छा स्वीकार कर ली है, इसलिए यह एक शुभ दिन है. मुझे विश्वास है कि अजय जडेजा जामनगर के लोगों के लिए आशीर्वाद बनेंगे और समर्पण के साथ उनकी सेवा करेंगे. मैं उनका बहुत आभारी हूं.”