हिमांशु श्रीवास्तव/सीतापुर. राजधानी लखनऊ से सटे जनपद सीतापुर में फूलों की खेती कर रहे किसान रमेश पाल के गेंदों की महक सीतापुर में ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में महक रही है. किसान रमेश पाल पिछले 10 सालो से फूलों की खेती कर रहे है. रमेश पाल पहले देशी पेड़ो के माध्यम से गेंदे की खेती करते थे. लेकिन अब वह बनारस से गेंदे के पौधे लाते है और अच्छी पैदावार कर रहे है. रमेश एक एकड़ से एक से डेढ़ लाख रुपया का मुनाफा ले रहे है.
सीतापुर शहर मुख्यालय से 35 किमी दूर मिश्रिख तहसील के नैमिषारण्य के पास स्थित गांव परसपुर निवासी किसान रमेश चंन्द्र पाल जो पहले किसानी खेती करते थे. लेकिन मेहनत के बाद भी मुनाफा न होता देख रमेश पाल ने पारंपरिक खेती को छोड़कर अब फूलो की खेती कर रहे है. जिसमे वह भारी मात्रा मे फूलो की खेती कर रहे है. किसान रमेश चंन्द्र के अनुसार गेंदा के फूलो की खेती करने में प्रति एकड़ 40 से 50 हजार रुपये की लागत आती है. सारा खर्चा निकालने के बाद एक से डेढ लाख रुपये की बचत होती थी.
फूलों की खेती को बनाएं आजीविका
किसान के अनुसार पहले हम देशी फूल की खेती करते थे. अब हम बनारस से पौध मगांकर हम खेती करते है. अतः अब ज्यादा मुनाफा हो जाता है. किसान के अनुसार फूलो में गेदां के फूलो का एक अपना अलग ही अंदाज होता है. किसान के अनुसार हमारे द्वारा तैयार फूलों को पड़ोसी शहरों में भेजा जाता है. जिसमे अच्छा खासा मुनाफा भी होता है. हमारे यहाँ पर तैयार फूलों की बिक्री करने के लिए खरीददार लोग स्वंम आकर खेत मे ही फूलों को खरीदकर शहर ले जाते है.
लागत कम होने से होता है अधिक मुनाफा
किसान रमेश पाल ने बताया कि गेंदे की खेती कर रहा जिसमें पांच बीघा में 40 हजार से 50 हजार रुपए की लागत लगती है. लागत निकाल कर के 1 लाख रुपए से डेढ़ लाख रुपए बच जाता है. खेती कम से कम 10 साल से कर रहे हैं और मुनाफा अच्छा हो जाता है. पहले देसी पेड़ लगा रहा था तो कब मुनाफा होता था लेकिन अब बनारस से पेड़ मंगा कर खेती कर रहा हूं अच्छा मुनाफा हो रहा है.
.Tags: Local18, Sitapur news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 26, 2023, 21:13 IST
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