सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर. हर रोज गिरकर भी मुक्कमल खड़े हैं… ए जिंदगी देख, मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं. किसी शायर की यह चंद लाइनें शाहजहांपुर की रहने वाली मनीषा दीक्षित पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. जिन्होंने जिंदगी के तमाम कठिनाई भरे पड़ाव पार करने के बाद भी हौसला नहीं हारा. बचपन से पेंटिंग का शौक रखने वाली मनीषा ने अब कला के क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. उनके हाथों में कला की ऐसी जादूगरी है, जिसके चलते उन्हें कला के क्षेत्र में आल इंडिया अवार्ड तक से नवाजा जा चुका है. मनीषा कहती हैं कि कला में ही अब उनकी सारी दुनिया बसी हुई है.
शाहजहांपुर के छोटे से गांव जमौर की रहने वाली मनीषा का जन्म 1993 में यूपी के ही अयोध्या में हुआ. मनीषा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अयोध्या से ही पूरी की. मनीषा को बचपन से ही पेंटिंग बनाने का शौक था. इसके बाद उन्होंने पेंटिंग में ही अपना करियर बनाने का सोचा और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद बरेली कॉलेज से 2014 में ड्राइंग और पेंटिंग से एमए कंप्लीट पूरा किया.
पति को खोने के बाद भी बरकरार रहा हौसलामनीषा ने पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2017 में शादी की. शादी के 2 साल बाद हार्ट अटैक से उनके पति की मौत हो गई. पति की मौत के बाद मनीषा टूट कर बिखर गईं और वापस अपने मायके चली आईं. मनीषा ने हिम्मत बांधी और अपने कला के शौक को जिंदा रखा. मनीषा की मां ने भी उनको सहारा दिया. मनीषा एक बार पैरों पर खड़ी हुई ही थी कि साल 2021 में उनकी मां का भी निधन हो गया.
कला के प्रति किया जीवन समर्पितमां का निधन होने के बाद मनीषा ने एक बार फिर से हिम्मत बांधी और कला के क्षेत्र में एक के बाद एक शानदार पेंटिंग बनाई. उनके द्वारा बनाई हुई पेंटिंग देश की कई आर्ट गैलरी में प्रदर्शित की गई हैं. कला के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए साल 2021 में ऑल इंडिया अवार्ड से भी नवाजा गया. मनीषा का कहना है कि अब वह कला को ही अपना परिवार और अपना जीवन साथी मानती हैं. कला के सिवाय कुछ भी नहीं है. मनीषा अब लखनऊ की ललित कला अकादमी में कार्यरत हैं और अपने कला के जुनून को आगे बढ़ा रही हैं.
.Tags: ART, Local18, Shahjahanpur News, UP newsFIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 22:30 IST
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