फ्रॉस्टबाइट एक दर्दनाक स्थिति है जो जल्दी इलाज न मिलने पर खतरनाक भी हो सकती है. मेयो क्लिनिक के अनुसार, फ्रॉस्टबाइट स्किन और अंदरूनी टिशू के जमने से होने वाली चोट है. इसके शुरुआती चरण ‘फ्रॉस्टनिप’ में स्किन पर कोई स्थायी डैमेज नहीं होता है. इसके लक्षणों में ‘ठंडी स्किन और चुभन, इसके बाद ‘सुन्नता और लाल या फीकी पड़ती त्वचा’ शामिल हो सकती है. जब फ्रॉस्टबाइट बिगड़ने लगता है, तो स्किन टाइट या मोम की तरह दिखाई दे सकती है.
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने बुधवार को एकोस साइंसेज के इंजेक्शन को मंजूरी दे दी, जो गंभीर फ्रॉस्टबाइट के इलाज के लिए पहला इलाज है. यह इलाज विच्छेदन (अलगाव) के खतरे को कम करने में मदद करेगा और ‘ऑरलुमिन’ ब्रांड नाम के तहत बेचा जाएगा. कंपनी ने बताया कि यह जल्द बाजार में आएगा, हालांकि इसकी कीमत अभी तय नहीं हुई है.कैसे काम करेगा ऑरलुमिन?ऑरलुमिन में सक्रिय इंग्रीडिएंट (इलोप्रोस्ट) नसों को खोलता है और खून के थक्के बनने को रोकता है. इसे मूल रूप से 2004 में पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन के इलाज के लिए मंजूरी दी गई थी. ऑरलुमिन चेतावनी और सावधानी के साथ आता है, यह ध्यान देता है कि इससे ब्लड प्रेशर कम हो सकता है.
फ्रॉस्टबाइट के चरणफ्रॉस्टबाइट कई चरणों में हो सकता है. हल्के फ्रॉस्टबाइट का आमतौर पर दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जाता है. गंभीर फ्रॉस्टबाइट (जब स्किन और अंदरूनी टिशू दोनों जम जाते हैं और खून का फ्लो रुक जाता है) तो कभी-कभी इस पार्ट को अलग करने की आवश्यकता होती है.
रिसर्चअध्ययन में मरीजों को तीन उपचार ग्रुप में बांटा गया था. सभी को नसों के माध्यम से एस्पिरिन और मानक उपचार दिए गए, जबकि दो ग्रुप को इलोप्रोस्ट मिला. प्रभाव का प्राथमिक माप शुरुआती फ्रॉस्टबाइट के सात दिन बाद प्राप्त एक अस्थि स्कैन था जिसका उपयोग कम से कम एक उंगली या पैर के अंगूठे को अलग करने को कहा गया था.
रिसर्च का परिणामसातवें दिन, केवल इलोप्रोस्ट लेने वाले 16 मरीजों में से किसी में भी अलग करने की आवश्यकता नहीं देखी गई, जबकि इलोप्रोस्ट के साथ या बिना दिए गए फ्रॉस्टबाइट के अनधिकृत दवाओं पर 16 में से 3 और 15 में से 9 मरीजों में इसकी आवश्यकता देखी गई.
यह खबर फ्रॉस्टबाइट के गंभीर मामलों से पीड़ित लोगों के लिए राहत की खबर है. भविष्य में इस क्षेत्र में और शोध होने की उम्मीद है ताकि इलाज को सभी के लिए अधिक सुलभ और सस्ता बनाया जा सके.