Fatty Liver Disease Treatment: आजकल डायबिटीज और हार्ट डिजीज के मामले काफी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक, इन जानलेवा हेल्थ कंडीशन के पीछे फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है. अगर, भारत में फैटी लिवर से बचने के उपाय अपनाए जाएं, तो डायबिटीज व हार्ट डिजीज का खतरा कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि फैटी लिवर की समस्या क्या है और इसे कम करने के लिए क्या काम करना चाहिए.
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Fatty Liver Disease: फैटी लिवर क्या है?शरीर का सबसे बड़ा अंदरुनी अंग लिवर होता है, जो कि खाना पचाने, एनर्जी देने और खतरनाक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. आमतौर पर, लिवर का वजन 1200 ग्राम से 1500 ग्राम होता है. जिसमें से 5 प्रतिशत सिर्फ फैट होता है. लेकिन जब लिवर में मौजूद फैट 10 प्रतिशत से ज्यादा होने लगता है, तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है. फैटी लिवर को दो प्रकारों में बांटा गया है, जिसमें से एक बिना शराब के कारण होने वाला फैटी लिवर है और दूसरा शराब के कारण होने वाला फैटी लिवर है. फैटी लिवर के लक्षणों में थकान और पेट की दायीं तरफ ऊपरी हिस्से में दर्द होना मुख्य हैं.
Fatty Liver: नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर का इन लोगों को का होता है ज्यादा खतराशराब के बिना होने वाले फैटी लिवर यानी नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर का खतरा निम्नलिखित लोगों को ज्यादा होता है.
डायबिटीज के मरीज
मोटापे से ग्रसित लोग
ज्यादातर उम्रदराज लोग
कोलेस्ट्रॉल या ट्राईग्लिसराइड से परेशान लोग
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज, आदि
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Fatty Liver Prevention: फैटी लिवर से बचने के लिए क्या करें?फैटी लिवर के कारण लिवर डैमेज, लिवर इंफ्लामेशन या लिवर कैंसर का खतरा होता है. जिससे बचने के लिए ये काम करने चाहिए.
अनियंत्रित वजन ना बढ़ने दें.
कम नमक और मीठे वाली डाइट लें.
फलों का पर्याप्त सेवन करें.
रोजाना एक्सरसाइज करने से लिवर में फैट कम होता है.
अगर लिवर में दिक्कत महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से मदद लें.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.