Farmers cultivating watermelon in summer season keep these things in mind, they will get bumper yield. – News18 हिंदी

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Farmers cultivating watermelon in summer season keep these things in mind, they will get bumper yield. – News18 हिंदी



सौरभ वर्मा/रायबरेली: गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है. यह मौसम जायद की फसलों के लिए काफी अनुकूल माना जाता है. क्योंकि इन फसलों को सिंचाई के लिए कम पानी की जरूरत पड़ती है. बाजार में भी इनकी मांग अधिक होने के कारण किसानों को मुनाफा भी अधिक होता है. इन्हीं मौसमी फलों में से एक है तरबूज. जिसे गर्मी के मौसम लोग खूब पसंद करते हैं. क्योंकि गर्मियों के मौसम में तरबूज हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर होता है. गर्मी के मौसम में तरबूज की मांग अधिक होने के कारण किसान इससे अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. तो आईए कृषि एक्सपर्ट से जानते हैं तरबूज की खेती करने का तरीका.

रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा ने बताया कि गर्मी का मौसम जायद की फसलों के लिए अनुकूल माना जाता है. इस मौसम में किसानों को कम सिंचित फसलों की खेती करनी चाहिए. इन्ही फसलों में से एक है तरबूज की फसल. जिसकी गर्मी के मौसम में बाजारों में अधिक मांग होती है. इससे किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

तरबूज की बुवाई का सही समय जनवरी – फरवरी का महीना होता है और मार्च के अंतिम सप्ताह तक तरबूज का पौधा फल देना शुरू कर देता है. यानी कि 90 से 100 दिनों में तरबूज का पौधा फल देने लगता है.तरबूज के लिए यह इतना होना चाहिए मिट्टी का पीएच मानतरबूज की फसल के लिए गर्मी का मौसम अधिक अनुकूल होता है. इसके लिए तेज धूप की जरूरत होती है. वहीं अगर मिट्टी की बात की जाए तो 5.5 से 7 पीचएच मान वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके लिए तापमान अधिकतम 27 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए.

ये प्रजातियां हैं उन्नत किस्म की तरबूज की खेती करने वाले किसानों के लिए तरबूज की प्रजाति में अर्का, ज्योति, पूसा, बेदाना, शुगर बेबी प्रजातियां उन्नत किस्म की होती हैं. क्योंकि यह जल्दी तैयार हो जाती हैं. इनकी पैदावार भी अधिक होती है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यानशिव शंकर वर्मा बताते हैं कि तरबूज की खेती करने वाले किसान इसकी सिंचाई का विशेष ध्यान रखें. 7 से 10 दिन के मध्य में फसल की सिंचाई अवश्य करें. फसल को रोगों से बचने के लिए कार्बेन्डाजिम या फिर डिनोकैप खेत के रकबे के अनुसार 10 से 90 लीटर पानी में मिलाकर महीने में दो बार यानी हर 15 दिन में एक बार छिड़काव करें. जिससे फसलों में रोग व कीट नही लगेंगे. रायबरेली के गंगा कटरी क्षेत्र में काफी संख्या में किसान तरबूज की खेत कर रहे हैं.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : March 22, 2024, 16:33 IST



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