Fake Viagra in UK: यूनाइटेड किंगडम में फर्जी वियाग्रा की गोलियों की जैसे बाढ़ सी आ गई. चौंकाने वाली रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ऑनलाइन परचेज की गई 80% वियाग्रा नकली है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. भाविनी शाह (Dr. Bhavini Shah) समेत कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन फेक दवाओं में अक्सर प्रिंटर की स्याही, रोड पेंट, डिटर्जेंट और यहां तक कि एम्फैटेमिन जैसे हानिकारक पदार्थ होते हैं.
फिक्र करने की जरूरतफर्जी वियाग्रा एक बड़ी चिंता का विषय है, पिछले साल यूके में 6.2 मिलियन पाउंड से ज्यादा की नकली गोलियां जब्त की गईं. ये मॉर्फिन जैसी अन्य दवाओं के नकली संस्करणों की जब्ती से ज्यादा है. असली वियाग्रा के उलट, जो फार्मेसीज में तकरीबन 4 पाउंड में उपलब्ध है, नकली वर्जन ऑनलाइन सिर्फ 1 पाउंड में खरीदे जा सकते हैं, जो उन्हें कई लोगों के लिए एक अट्रैक्टिव लेकिन खतरनाक ऑप्शन बनाता है.
खतरनाक है इसका सेवनये फर्जी गोलियां अक्सर बिना क्वालिटी कंट्रोल के अनहाइजीनिक कंडीशन में तैयार की जाती हैं, जिससे सिल्डेनाफिल, वियाग्रा के सक्रिय घटक की असंगत या खतरनाक रूप से हाई डोज होती है. डॉ. शाह अनसर्टेन ऑरिजिन की गोलियों का इस्तेमाल न करने की सलाह देती हैं और प्रामाणिक विशेषताओं, जैसे कि कंसिस्टेंट कलर, हीरे का आकार और चिकने किनारों की जांच करने की सिफारिश करती हैं.
फर्जीवाड़े से कैसे बचें?नामी और भरोसमंद फार्मासिस्टों से वियाग्रा खरीदना जरूरी है, क्योंकि वो संभावित हेल्थ रिस्क, जैसे कि हार्ट कंडीशन के लिए ग्राहकों की जांच करते हैं, जो सिल्डेनाफिल को असुरक्षित बना सकती हैं. लागत के प्रति जागरूक खरीदारों के लिए, जेनेरिक सिल्डेनाफिल ब्रांडेड वियाग्रा के जैसे इफेक्टिवनेस के साथ एक सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है.
संगीन है मामलाद मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने 2023 में 2.6 मिलियन खुराक फर्जी सिल्डेनाफिल जब्त की. टैडालाफिल, एक अन्य इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवा की एक और आधा मिलियन खुराक जब्त की गई, जो इस मुद्दे के पैमाने को उजागर करती है.
क्यों फंस जाते हैं यूजर्स?कई पुरुष प्राइवेसी या महंगे दाम की वजह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का रुख करते हैं, लेकिन इंटरनेट फर्जी दवा की ट्रेड का सेंटर बन गया है. इन दवाओं को बेचने वाली दसियों हजार ग्लोबल वेबसाइटों के साथ, कई सीधे यूनाइटेड किंगडम को भेजती हैं.
मर्दों में बढ़ता इरेक्टाइल डिसफंक्शनइरेक्टाइल डिसफंक्शन यूके में 4.3 मिलियन पुरुषों को प्रभावित करता है, 40-70 साल की उम्र के आधे मर्दों को इसका एक्सपीरिएंस होता है. जबकि वियाग्रा जैसी दवाएं दो-तिहाई मामलों में इस स्थिति को प्रबंधित करने में मदद करती हैं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन सेहत से जुड़ी परेशानियां, जैसे कि हाई कोलेस्ट्रॉल या हार्ट डिजीज का इशारा दे सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.