Air Ticket Refund: बीते महीने खराब मौसम की वजह से बड़ी तादाद में फ्लाइट्स कैंसिल हुईं. फ्लाइट कैंसिल होने के बाद यात्रियों के पास दो विकल्प थे. पहला- वे अगली उपलब्ध फ्लाइट से अपनी यात्रा पूरी कर सकते थे, दूसरा- वह अपनी फ्लाइट कैंसिल कर हर्जाने के साथ फुल रिफंड वापस ले सकते थे. जिन यात्रियों ने पहला विकल्प चुना, वे तमाम परेशानियों का सामना कर किसी तरह अपने गंतव्य तक पहुंच गए. वहीं, जिन यात्रियों ने दूसरे विकल्प का चुनाव किया था, उनकी परेशानियां अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.
मसलन, दूसरा विकल्प चुनने वाले यात्री न ही अपनी निर्धारित यात्रा पर जा सके और न ही उन्हें अभी तक अपना रिफंड मिला है. रिफंड के लिए तमाम यात्री विभिन्न माध्यमों से एयरलाइंस से लगातार सपंर्क करते हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही निकलता है. दरअसल, यहां पर ज्यादातर एयरलाइंस के पास एक ही लाइन होती है कि उनका रिफंड टिकट बुक करने वाले एजेंसी को ट्रांसफर कर दिया गया है, अब वे अपनी एजेंसी से संपर्क करें. वहीं, एजेंसी से संपर्क करने पर जवाब मिलता है कि अभी तक रिफंड आया नहीं है, रिफंड आते ही वापस कर दिया जाएगा.
इस तरह, रिफंड के लिए तमाम यात्री एयरलाइंस और एजेंसी के बीच झूलते रहते हैं, आखिर में यात्री परेशान होकर अपना रिफंड मांगना बंद कर देते हैं और यह रुपया किसकी जेब में जाता है, इस सवाल का जवाब कभी सामने नहीं आ पाता है. यदि आप भी ऐसी किसी स्थिति में जूझ रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कि आपके पास ऐसे कौन से विकल्प हैं, जिसके जरिए आप अपना रिफंड हासिल कर सकते हैं, चाहे फिर वह एयरलाइंस के पास हो या फिर ट्रैवल एजेंसी ने अपने पास दबा रखा हो.
रिफंड को लेकर क्या कहते हैं डीजीसीए के नियमडीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यदि एयर टिकट एयरलाइंस काउंटर से नगद भुगतान कर खरीदी गई है, तो यात्री उसी एयरलाइन काउंटर से तत्काल नगद रिफंड एयरलाइंस से ले सकते हैं. यदि एयर टिकट का भुगतान क्रेडिट कार्ड के जरिए किया गया है तो सात दिनों के भीतर एयरलाइंस को रिफंड का भुगतान उसी क्रेडिट कार्ड एकाउंट में करना होगा. इसी तरह, एयर टिकट किसी ट्रैवल एजेंट या पोर्टल से बुक की गई है तो एयरलाइंस को तीस दिनों के भीतर रिफंड प्रॉसेस पूरा करना होगा. यहां डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि भले ही टिकट ट्रैवल एजेंट या पोर्टल के जरिए बुक की गई हो, एयरलाइंस की यह जिम्मेदारी है कि वह 30 दिनों के भीतर रिफंड का प्रॉसेस पूरा कराए. इस मामले में एयरलाइंस अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती हैं.
यात्रियों को क्यों एजेंसियों के जरिए मिलता है रिफंडवहीं, इस मामले में एक निजी एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ज्यादातर केस में यह देखा जाता है कि यात्री ट्रैवल पोर्टल से अपनी टिकट बुक कराते हैं. बुकिंग के दौरान, उन्हें ऐसा लगता है कि वे टिकट के भुगतान सीधे एयलाइंस को कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, वह पेमेंट सीधे पोर्टल एजेंसी के पास जाता है. बाद में, पोर्टल की तरफ से एयरलाइंस को भुगतान किया जाता है. चूंकि, एयरलाइंस और पोर्टल एजेंसी के बीच कई तरह के प्रमोशनल एग्रीमेंट होते हैं. लिहाजा यात्री द्वारा भुगतान की गई राशि और एयरलाइंस द्वारा मिलने वाली राशि अलग-अलग होती है. यही वजह से कि एयरलाइंस रिफंड की राशि संबंधित ट्रैवल एजेंसी या पोर्टल को ही भेजती है.
एयर सेवा पोर्टल पर शिकायत कर यात्री अपना रिफंड आसानी से हासिल कर सकते हैं.
एयरलाइंस या एजेंसी करे परेशान तो क्या हैं आपके पास विकल्पडीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यदि कोई भी यात्री रिफंड की समस्या से जूझ रहे हैं तो वह अपनी शिकायत एयरसेवा पोर्टल के जरिए विमानन मंत्रालय और डीजीसीए तक पहुंचा सकते हैं. शिकायत मिलते ही मंत्रालय और डीसीजीए की एक डेडिकेटेड टीम यात्रियों के निपटारे पर सीधा नजर रखती है. साथ ही, यात्रियों को उनकी शिकायत की प्रगति के बारे में हर चरण पर सूचित किया जाता है. वहीं दूसरे विकल्प के तौर पर यात्रियों के पास नेशनल कंज्यूमर फोरम की हेल्प लाइन है. कोई भी यात्री 1800-11-4000 या 14404 या 1915 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायत दर्ज होते ही प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाता है.
.Tags: Airindia, Airport Diaries, Aviation News, Business news in hindi, DGCA, Indigo, SpicejetFIRST PUBLISHED : February 15, 2024, 21:23 IST
Source link