अफ्रीकी देश तंजानिया में एक खतरनाक और दुर्लभ वायरस मारबर्ग (Marburg Virus) का प्रकोप फैल रहा है, जिसने अब तक 9 लोगों की जान ले ली है. यह वायरस ‘आई-ब्लीडिंग डिजीज’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि संक्रमित व्यक्ति की आंखों से खून बहने लगता है. इस वायरस की मृत्यु दर 90% तक हो सकती है, जिसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने अलर्ट जारी किया है.
मारबर्ग वायरस एक हेमोरैजिक फीवर (रक्तस्रावी बुखार) फैलाने वाला घातक संक्रमण है, जो शरीर के अंगों और नसों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे इंटरनल ब्लीडिंग और आंख, कान, व मुंह से खून निकलने लगता है. यह वायरस इबोला (Ebola) के समान ही काम करता है और संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ, दूषित चीजें या संक्रमित जंगली जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस फ्रूट बैट (चमगादड़) से इंसानों में आया हो सकता है.
कहां फैला वायरस और कितने लोग संक्रमित?तंजानिया ने पिछले हफ्ते आधिकारिक रूप से इस वायरस के फैलने की पुष्टि की थी. यह संक्रमण कागेरा (Kagera) क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है, जिसकी आबादी लगभग 30 लाख है. स्वास्थ्य एजेंसियों के मुताबिक, अब तक 10 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 9 की मौत हो चुकी है. WHO का कहना है कि यह आंकड़ा आने वाले दिनों में बढ़ सकता है, क्योंकि कई संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है.
कितना खतरनाक है यह वायरस?WHO के अनुसार, मारबर्ग वायरस की मृत्यु दर 88% से 90% तक हो सकती है. इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति का चेहरा ‘भूतिया’ (Ghost-like) जैसा दिखाई देने लगता है, आंखें गहरी धंस जाती हैं और चेहरा पूरी तरह इमोशनलेस हो जाता है. शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द, उल्टी और डायरिया शामिल हैं, जो धीरे-धीरे इंटरनल ब्लीडिंग का रूप ले लेते हैं.
क्या है रोकथाम और इलाज?मारबर्ग वायरस के लिए कोई वैक्सीन या विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है. डॉक्टर केवल मरीज के शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं. इस बीमारी का इलाज केवल लक्षणों के आधार पर किया जाता है, जिसमें हाइड्रेशन, दर्द निवारक और ब्लड प्रेशर कंट्रोल जैसी प्राइमरी केयर दी जाती है.
क्या दुनिया के लिए खतरा बन सकता है यह वायरस?हालांकि यह संक्रमण तंजानिया तक ही सीमित है, लेकिन विशेषज्ञों को चिंता है कि देश के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे दार एस सलाम (Dar es Salaam) के माध्यम से यह वायरस अन्य देशों तक भी पहुंच सकता है. WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसस ने चेतावनी दी है कि जैसे-जैसे इस वायरस की मॉनिटरिंग बढ़ेगी, नए मामले सामने आने की संभावना भी बढ़ेगी.