Explainer: UP में सबसे ज्यादा सड़क मौतें, क्या है लेन डिसिप्लीन जो देश में बिल्कुल नहीं

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Explainer: UP में सबसे ज्यादा सड़क मौतें, क्या है लेन डिसिप्लीन जो देश में बिल्कुल नहीं

हाइलाइट्सनितिन गडकरी ने लोकसभा इन हादसों की क्या सबसे बड़ी वजह बताईलेन डिसिप्लीन में क्यों भारत दुनिया में फिसड्डी, जिसमें यूपी नंबर वनजर्मनी और जापान में लेन डिसिप्लिन बेहतर देशसड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण लेन अनुशासनहीनता है. उनका कहना था कि तेज गति इतनी बड़ी समस्या नहीं है क्योंकि दुनियाभर में लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं लेकिन भारत में लेन अनुशासनहीनता एक बड़ी समस्या है. उन्होंने सांसदों से कहा कि वो अपने निर्वाचन क्षेत्रों में इसे लेकर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करें. आखिर क्या होता है सड़क पर लेन अनुशासन. भारत में किस तरह इसे बुरी तरह तोड़ा जाता है. साथ ही ये भी जानें वो कौन से देश हैं जहां लेन अनुशासन बहुत ज्यादा है.

सड़क पर लेन डिसिप्लीन का मतलब है कि सड़क पर ड्राइविंग करते समय वाहन चालकों को उनकी निर्धारित लेन में चलने के नियमों का पालन करना चाहिए. ये जानें कि लेन डिसिप्लीन क्या है. उससे पहले जान लेते हैं सड़क दुर्घटनाओं में देश में कितनी जानें जाती हैं. किस राज्य में सबसे ज्यादा हादसे होते हैं.

– देश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 1.78 लाख लोगों की जान जाती है. इनमें से 60 प्रतिशत पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं.

– सबसे ज्यादा सड़क हादसे उत्तर प्रदेश में होते हैं. शहरों में दिल्ली सबसे ऊपर है.

उत्तर प्रदेश में 23,000 से ज़्यादा लोग (या सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली कुल मौतों का 13.7 प्रतिशत) मारे गए. तमिलनाडु में 18,000 से ज़्यादा (10.6 प्रतिशत) लोगों की मौत हुई.

– महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 15,000 से अधिक (या कुल मौतों का नौ प्रतिशत) है, इसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर 13,000 से अधिक (आठ प्रतिशत) है.

दिल्ली 1,400 से अधिक मौतों के साथ शहरों में शीर्ष पर है, दूसरे स्थान पर 915 मौतों के साथ बेंगलुरू है. जयपुर में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 850 मौतें दर्ज की गई.

– देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.78 लाख लोग मारे जाते हैं और इनमें से 60 प्रतिशत पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु के होते हैं.

सवाल – सड़क पर वाहन चला रहे हों तो लेन डिसिप्लीन के प्रमुख नियम क्या होते हैं?– धीमे वाहनों को सामान्य तौर पर बाईं (भारत में) लेन में चलना चाहिए. तेज गति वाले वाहन ओवरटेक करने के लिए दाईं (भारत में) लेन का उपयोग करते हैं.– ओवरटेक हमेशा एक निर्धारित दिशा में ही करें. लेन बदलने से पहले इंडिकेटर का उपयोग करें.– लेन बदलते समय साइड मिरर और ब्लाइंड स्पॉट को चेक करें.– जिगजैग ड्राइविंग से बचें– बार-बार लेन बदलना खतरनाक हो सकता है.– अपनी लेन की गति सीमा के अनुसार ड्राइव करें।

सवाल – चौराहों पर क्या सावधानी बरतनी चाहिए?– निर्धारित लेन में ही घूमें और उचित सिग्नल का पालन करें.– साइकिल और पैदल यात्रियों का ध्यान रखें– साइकिल ट्रैक या पैदल यात्रियों की लेन में गाड़ी न चलाएं.

सवाल – किन देशों में लेन लेन डिसिप्लीन बेहतर है?– जर्मनी “ऑटोबान” हाइवे पर लेन डिसिप्लीन का सख्ती से पालन किया जाता है. ओवरटेकिंग केवल बाईं लेन से होती है– जापान में ड्राइवर लेन डिसिप्लिन का कड़ाई से पालन करते हैं और ट्रैफिक सिग्नल व संकेतकों का बहुत सम्मान किया जाता है.– स्वीडन की सड़कें साफ-सुथरी और व्यवस्थित होती हैं. यहां के नागरिक सड़क के नियमों का पालन करने के प्रति जागरूक होते हैं.– सिंगापुर में लेन उल्लंघन पर भारी जुर्माने और दंड का प्रावधान है. इसके कारण यहां लेन डिसिप्लिन बहुत बेहतर है– दुबई और अन्य अमीरात में ट्रैफिक नियम सख्त हैं, और ओवरटेकिंग के लिए भी कड़े नियम लागू हैं.

सवाल – भारत में लेन डिसिप्लीन का कितना पालन होता है?– भारत में लेन डिसिप्लीन का पालन अपेक्षाकृत कम होता है. हालांकि, बड़े शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थिति बेहतर हो रही है. लेन उल्लंघन रोकने के लिए जागरूकता अभियान और ट्रैफिक पुलिस द्वारा जुर्माना लगाया जाता है लेकिन ग्रामीण और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अभी भी सुधार की जरूरत है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि तेज गति इतनी बड़ी समस्या नहीं है क्योंकि दुनिया भर में लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं। हालांकि, भारत में लेन अनुशासनहीनता एक बड़ी समस्या है.

सवाल – दुनिया में किस देश में सड़क हादसे सबसे ज्यादा होते हैं?– सड़क हादसों की संख्या का विश्लेषण करने पर यह देखा गया कि भारत इस मामले में दुनिया में सबसे आगे है. 2021 में भारत में लगभग 1.55 लाख मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुईं. इसकी वजह तेज़ रफ़्तार, यातायात नियमों की अनदेखी, खराब सड़क बुनियादी ढांचा और लेन डिसिप्लिन की कमी होती है.इसकी वजहें– 60% से ज्यादा सड़क हादसे तेज़ रफ़्तार के कारण– यातायात नियमों का उल्लंघन– हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करना– शराब पीकर गाड़ी चलाना– खराब सड़कें और गड्ढे:– लेन डिसिप्लिन और ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी.

सवाल -क्यों सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि बस की खिड़की के साथ एक हथौड़ा होना चाहिए?– भारत में बस बॉडी बनाने में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बस की खिड़की के पास एक हथौड़ा होना चाहिए ताकि दुर्घटना की स्थिति में इसे आसानी से तोड़ा जा सके।

सवाल – पहले चीन में भी सड़क हादसे बहुत होते थे, उनमें कैसे कमी आई?– चीन में सड़क हादसों की संख्या अधिक है लेकिन हाल के वर्षों में सख्त ट्रैफिक नियमों के कारण इसमें कमी आई है. यहां वाहन संख्या बहुत ज्यादा है.हालांकि अमेरिका में भी सड़क हादसे खूब होते हैं. वहां हर साल करीब 38,000 मौतें सड़क हादसों के कारण होती हैं.
Tags: Nitin gadkari, Road accident, Road Accidents, Road and Transport Ministry, Road Safety, Road Safety TipsFIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 19:19 IST

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