वाराणसी: साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी जब बनारस के सांसद बने तो उन्होंने वाराणसी के विकास के लिए जापान के साथ एक एमओयू साइन किया था. जापान सरकार द्वारा बनारस यानी वाराणसी को क्योटो की तरह विकसित करने की बात कही गई. 2020 में इसकी पहली तस्वीर सामने आई, जब रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया. अब एक बार फिर से सरकार जापान के साथ मिलकर बनारस के विकास के लिए नई कहानी लिखने जा रही है. इस कहानी में बनारस से निकलने वाले कूड़े-कचरे यानी वेस्ट से विकास की नई तस्वीर बनाई जाएगी, जिसके लिए जापान सरकार ने बकायदा वाराणसी में एक वॉर रूम तैयार किया है. इस वॉर रूम में जापानी अधिकारी 24 घंटे बनारस के विकास के लिए काम कर रहे हैं. क्या है यह वॉर रूम? क्या होगी विकास की नई तस्वीर? चलिए जानते हैं विस्तार से.
दरअसल, वाराणसी के नगर निगम भवन के एक हॉल में जापान की जायका कंपनी के जापानी अधिकारी बैठते हैं. 5 सदस्यीय यह टीम इस हॉल में अपना वॉर रूम बनाई हुई है. इस वॉर रूम में ये जापानी अधिकारी बनारस के विकास के लिए खाका तैयार कर रहे हैं. ये अधिकारी इस बार बनारस का विकास इसी बनारस में निकलने वाले कूड़े-कचरे से करेंगे. बनारस में घरों से प्रत्येक दिन लगभग 600 टन कूड़ा निकलता है. इनके निस्तारण के लिए प्लांट भी लगाए गए हैं लेकिन अभी इस प्लांट से कोई उत्पादन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में जापानी अधिकारी कूड़े से बनारस राजस्व को फायदा पहुंचाने के लिए अलग-अलग उत्पाद बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो बनारस के विकास की एक नई तस्वीर दुनिया के सामने रखेगा.
दरअसल, बनारस को चमकाने के लिए जापान के सहयोग से काम हो रहा है. रिसर्च करने के लिए जापानी अधिकारी अपने सदस्यों के साथ लगातार काम कर रहे हैं. बनारस के नक्शे में वे तमाम स्थानों पर जहां कूड़े-कचरे का अंबार होता है और वहां कूड़े के निस्तारण और उनसे बनने वाले उत्पादों पर काम जारी है. जापानी अधिकारियों ने जो प्लान बनाया है, उसमें बनारस का कूड़ा, सीवर और पीने के पानी पर काम हो रहा है. इसके साथ ही कूड़े को लेकर क्या-क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं, इसके लिए भी प्लान बनाया जा रहा है. जापानी अधिकारियों का कहना है कि जापान और भारत के बीच एक मजबूत संबंध है. इस संबंध के कारण बनारस को लाभ मिलेगा. बनारस के सीवेज सिस्टम, कूड़े का सिस्टम और स्वास्थ्य में सुधार आएगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार कर रहे हैं, जिन्होंने जापान के अधिकारियों को वह सारी सुविधा उपलब्ध करवाई है, जिससे उन्हें रिसर्च पर बढ़िया सहयोग मिल सके. इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. बहरहाल जापानी अधिकारियों की यह रिसर्च अगर कामयाब होती है तो काशी को कूड़े से जहां निजात मिलेगा, तो वहीं उत्तर प्रदेश का यह पहला शहर भी होगा जहां कूड़े से उत्तर प्रदेश सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Uttar pradesh news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 08:56 IST
Source link