भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, जिनकी नीतियां और नेतृत्व भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, का स्वास्थ्य एक लंबे समय से चर्चा का विषय रहा. जिसके बाद आज 26 दिसंबर को सांस लेने में दिक्कत के कारण एम्स में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.
26 सितंबर को 1932 को जन्म लेने वाले भारत के 13वें प्रधानमंत्री ने 92 की उम्र आखरी सांस ली. बता दें, डॉ मनमोहन सिंह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के बावजूद बहुत शांत और सकारात्मक रहते थे. हालांकि 2004 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर सवाल उठने लगे थे, लेकिन तब भी वह सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरे निष्ठा के साथ निभाया.
5 बार हुई बाईपास सर्जरी
1990 में पूर्व प्रधानमंत्री की दिल की बीमारी के कारण पहली बार बाईपास सर्जरी की गयी थी. 2004 में एंजियोप्लास्टी हुई और 2009 में दोबारा हार्ट का ऑपरेशन किया गया था. यह सर्जरी मुंबई के कार्डियोवैस्कुलर थोरेसिक सर्जन रमाकांत पंडा ने की थी. ऑपरेशन के दौरान मनमोहन सिंह की 5 बाईपास सर्जरी की गई थी.
क्यों की जाती है बाईपास सर्जरी
बाईपास सर्जरी हार्ट की धमनियों के सिकुड़ने और ब्लड सर्कुलेशन के ठीक तरह से न होने पर की जाती है. यह हार्ट अटैक को रोकने का एक तरीका होता है. इस सर्जरी में एक नया मार्ग बनाया जाता है, जिसे बाईपास कहा जाता है, जिससे खून और ऑक्सीजन सही तरह से शरीर में पहुंच पाता है.
डायबिटीज के मरीज
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह डायबिटीज के भी मरीज थे. जिसके कारण उन्हें खानपान पर विशेष ध्यान देने और रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाने की सिफारिश की गयी थी.
कोविड-19 इंफेक्शन से एम्स में थे भर्ती
अप्रैल 2021 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोविड-19 के इंफेक्शन से संक्रमित होने के कारण एम्स में भर्ती हुए थे. इस दौरान उनकी उम्र 88 साल थी. बढ़ती उम्र की परेशानियों और स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद कांग्रेस लीडर ने जल्दी रिकवरी कर ली थी.
सांस लेने में दिक्कत से हुई मौत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह रेस्पिरेटरी डिजीज से पीड़ित थे. जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ का सामना कर रहे थे. जिसके बाद 26 दिसंबर को स्थिति बिगड़ने के कारण एम्स में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.