Smoking Risk: सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गांजा या चरस, आप चाहे किसी भी तरह से स्मोकिंग क्यों न करें, ये शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है और आप हद से ज्यादा बीमार पड़ सकते हैं. डॉ. इमरान अहमद के मुताबिक जलते हुए तम्बाकू से निकलने वाले हजारों केमिकल्स नुकसान पहुंचाने के सफर को आगे बढ़ाते हैं. स्मोकिंग के कुछ नुकसान जल्द होते हैं, तो कुछ लॉन्ग टर्म में नजर आते हैं. ये हमारे कई अहम अंगों को बर्बाद कर सकता है.
कैंसरइस बात से हर कोई वाकिफ है कि स्मोकिंग कैंसर के खतरे को बढ़ाता है और दर्दनाक मौत का कारण बनता है. सिगरेट कई तरह के कैंसर का कारण बनता है, जिनमें लंग कैंसर, ओरल कैंसर, लिवर कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर और पेट का कैंसर शामिल है. ल्यूकेमिया, ब्लैडर और सर्विकल कैंसर और कैंसर भी आपके करीब आ सकते हैं.
फेफड़ों में बीमारीसिगरेट का धुआं गोबलेट सेल ग्रोथ को भी बढ़ाता है जिसके कारण बलगम बनता होता है. एयरवे में जलन के कारण सूखी खांसी कभी-कभी परेशानी का कारण बन सकती है. धुआं फेफड़ों में वायुकोशीय (Alveoli) को भी नुकसान पहुंचा सकता है जिससे एम्फिसीमा (Emphysema) या सीओपीडी (COPD) हो सकता है. फेफड़ों से धुआं ब्लड स्ट्रीम में दाखिल हो सकता है जिससे ब्लड वेसेल्स की परत को नुकसान पहुंचता है और स्मोकिंग करने वालों को खून के थक्के और एथेरोस्क्लेरोसिस और यहां तक कि दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है.
तनाव बढ़ता हैजिन लोगों को स्मोकिंग की लत है, वो ये सोचते हैं कि समोकिंग से टेंशन दूर होती है, लेकिन असलियत इसके उलट है. जो कोई सिगरेट नहीं पीता उनको कम तनाव महसूस होता है. तंबाकू में मौजूद निकोटीन शुरू में डोपामाइन ट्रांसमिशन को बढ़ाता है जिसके कारण शुरू में अच्छी फीलिंग महसूस होती है, लेकिन डोपामाइन में बाद में कमी धूम्रपान करने वाले को अधिक सिगरेट की तलब छोड़ देती है और इसलिए डिपेंडेंसी बढ़ जाती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.